बड़वानी।
मध्यप्रदेश में भले ही बारिश पर ब्रेक लग गया हो लेकिन अब भी कई जगह नदी-नाले उफान पर , मार्ग बंद पड़े है, जिसके चलते लोग जान जोखिम में डालकर रास्ता पार करने को मजबूर हो रहे है। ताजा मामला बड़वानी से सामने आया है।यहां पानसेमल नगर पंचायत में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर रस्सियों का उपयोग कर नदी की तीव्र धारा को पार कर रहे हैं। हैरानी की बात है कि इस पूरे घटनाक्रम के बाद भी प्रशासन सुध बुध लेने को तैयार नही है, ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा होने की संभावना है।
दरअसल, सुसनेर नदी के उफान पर होने से 2 गांवों का बाकी गांवों से संपर्क टूट चुका है। इस गांव और पानसेमल अनुविभाग के बीच इस नाले ने लक्ष्मण रेखा खींच दी है और रास्ता सुसनेर नदी के बीच से होकर गुजरता है।इसलिए नाले को पार करने के लिए ग्रामीणों ने वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर एक किनारे से दूसरे किनारे तक तार और रस्सी बांध दी है, ताकि वे आ-जा सकें।इसी के सहारे ग्रामीण 100 फीट से अधिक लंबे उफनते नाले को जान जोखिम में डालकर पार कर रहे हैं।
मुश्किल तब होती है जब बुजुर्गों, बच्चों और मरीजों को एक पार से दूसरे पार ले जाना पड़ता है। पानसेमल जनपद पंचायत के तिल्ली खेत और धावड़ी पंचायत से जुड़े 28 गांव के लोगों के आने जाने के लिए बस रस्सी का का ही सहारा है। कई बार नेताओं और अधिकारियों से लोगों ने गुहार लगाई लेकिन सिवाय आश्वासन के कुछ हासिल नहीं हुआ। अधिकारियों का कहना है कि ये वन गांव हैं लिहाजा सड़क और पुल बनाने के लिए वन विभाग की अनुमति नहीं मिलने से ये दिक्कत आ रही है।