बच्चों को भीख मांगने की ट्रेनिंग देता था गिरोह, अच्छी एक्टिंग न करने वालों को मिलती थी सजा

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भोपाल। राजधानी में मंगलवार को महिला बालविकास और पुलिस की टीम ने संयुक्त आपरेशन कर भीख मंगवाने वाले गिरोह का पर्दा फाश किया था। जिसके तहत जहांगीराबाद और अशोका गार्डन में छापेमारी कर 44 बच्चों को रेस्क्यु कर मुक्त कराया गया था। उन्हें 16 महिलाएं और सात पुरूषों के माध्यम से भीख मंगवाने के लिए हैदराबाद और कानपुर से भोपाल लाया गया था। पूछताछ में महिलाओं और आरोपी पुरूषों ने पुलिस को बताया कि रमजान में मुस्लिम बड़ी तादाद में जकात निकालते हैं। उन्हें प्रति बच्चा दो-ढाई हजार रूपए हर दिन कमाकर देता था। भीख मांगवाने की ट्रेनिंग बच्चों को पिछले दो महीने से दी जा रही थी। सभी बच्चे माजूर (अक्षम )नहीं है। उन्हें ऐसा दिखने के लिए एक्टिंग सिखाई जाती थी। वहीं बच्चों ने पुलिस को बताया कि जो एक्टिंग सही नहीं करता था, उसे भूखा रखा जाता तथा मारा पीटा जाता था। कई बच्चों के जिस्म पर पुरानी चोटों के निशान मिले हैं। 

जानकारी के अनुसार गिरफ्तार महिलाएं और पुरूष लगातार दावा कर रहे हैं कि बच्चे उनके स्वयं के हैं। पुलिस अब बच्चों और गिरफ्तार आरोपियों का डीएनए टेस्ट कराने की तैयारी में है। आरोपियों के परिजनों ने मोबाइल पर उनके आधार कार्ड सेंड कर दिए हैं। जिसकी क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। पुलिस को संदेह है कि गिरोह प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी इसी प्रकार बच्चों से भीख मंगवाने का काम कर रहा है। संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने बताया कि पिछले तीन महीने से शहर में भीख मांगने वाले बच्चों की संख्या बढऩे की शिकायतें मिल रही थी। इसके बाद जांच में मिले इनपुट के आधार पर मंगलवार सुबह यह कार्रवाई की गई। इस संबंध में कानपुर और हैदराबाद पुलिस को सूचना भेजी है। ताकि संबंधितों के बारे में सही जानकारी मिल सके। 


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