कैसे हुआ शिवराज के भाई का कर्जा माफ़..?

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भोपाल| जिस कर्जमाफी के वादे के सहारे कांग्रेस15 साल बाद सत्ता में आई है, वही कर्जमाफी अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा रही है| सरकार में आने के दस दिन में किसानों के कर्जमाफ करने वाले राहुल गांधी के वादे पर भाजपा शुरुआत से ही कांग्रेस सरकार की घे���ाबंदी कर रही है| अब चुनाव के बीच यह मुद्दा और ज्यादा गरमा गया है| पूर्व मुख्यमंत्री समेत बीजेपी नेता इस मुद्दे को जोर शोर से उठा रहे हैं तो वहीं कांग्रेस इन आरोपों को झूठा बताते हुए 21 लाख किसानों की कर्जमाफी के सबूत दे रही है| इस बीच कांग्रेस ने शिवराज के घर जाकर कर्जमाफी के प्रमाण पत्र भी सौंपे और एक सूची भी जारी की जिसमे शिवराज के भाई रोहित सिंह चौहान समेत उनके परिवार और रिश्तेदारों के नाम हैं| लेकिन कांग्रेस का यह सबूत पेश करना भी सवालों के घेरे में आ गया है, क्यूंकि पूर्व सीएम शिवराज ने इसे फर्जी बताया है, वहीं जिस रोहित सिंह चौहान का कर्जमाफ होना बताया जा रहे वो एक आयकर दाता हैं| आखिरकार कर्जमाफी के पैमाने के विरुद्ध उनका कर्ज कैसे माफ़ किया गया| इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं|

दरअसल, कर्जमाफी की घोषणा और प्रक्रिया की शुरुआत में सरकार ने किसानों की पात्रता के लिए पैमाना तैयार किया था, जिसमे बताया गया था कि यदि कोई किसान दूसरे व्यवसाय से आमदनी पाता है तो उसे कर्जमाफी का फायदा नहीं मिलेगा। सरकारी कर्मचारी, पूर्व व वर्तमान सांसद-विधायक, मंडल-निगम के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, महापौर, पंचायत-पालिका अध्यक्ष व सहकारी बैंकों के अध्यक्ष अपात्र रहेंगे। आयकर दाता किसान भी पात्र नहीं होंगे।  जबकि शिवराज सिंह चौहान के भाई रोहित सिंह चौहान आयकर दाता हैं, उनकी यूनिकॉर्प साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी है| इस कंपनी को भाजपा शासन काल में टेंडर नियमों के विरुद्ध काम दिए जाने के मामले में रोहित सिंह का नाम सुर्ख़ियों में रहा हैं| भोपाल में इस कंपनी को गेंट्री लगाने का काम दिया गया था|  अब सवाल उठता है कि जो करोड़ों की कंपनी का मालिक है उसका कर्ज माफ़ कैसे हुआ| जबकि कर्जमाफी के तहत पात्र किसानों का ही कर्ज माफ़ किया जाना था|


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