भोपाल| लम्बे इन्तजार के बाद घोषित हुई राज्यसेवा परीक्षा-2019 में अब आयु सीमा की गणना के फॉर्मूले पर विवाद खड़ा हो गया है| जो लोग तीन चार साल से इस परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, अब परीक्षा देने से वंचित हो गए हैं| परीक्षा में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु की गणना 1 जनवरी 2020 के आधार पर की जा रही है| इसको लेकर विरोध हो रहा है| इसके कारण एक साल का नुक्सान हो रहा है, इसमें कई उम्मीदवार ओवर एज हो गए हैं|
उम्मीदवारों का कहना है कि जब परीक्षा 2019 की है तो आयु का हिसाब आने वाले वर्ष 2020 को आधार मान कर कैसे किया जा सकता है| 2019 नोटिफिकेशन के लिए भी आयु की गणना एक जनवरी 2019 से ही की जानी चाहिए| उम्मीदवार मांग कर रहे हैं कि आयुसीमा की गणना के इस फॉर्मूले को संशोधित किया जाना चाहिए। वहीं मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन फीस में की गई बढ़ोतरी सोमवार को वापस ले ली। इन परीक्षाओं में अब पिछले वर्ष की परीक्षा फीस के बराबर ही आवेदन फीस लगेगी। राज्य सेवा परीक्षा के आवेदन के लिए अब आरक्षित वर्ग को 250 रुपए और सामान्य वर्ग को 500 रुपए फीस देनी होगी। इसका चौतरफा विरोध हो रहा था, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इसको लेकर नाराजगी जताई थी| आयोग ने आवेदन की फीस पिछले साल के मुकाबले बढ़ा दी थी। यह सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 1500 रुपए और आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए 750 रुपए रखी गई थी।
आयु गणना के फॉर्मूले को लेकर विरोध शुरू हो गया है| परीक्षा का विज्ञापन दिसंबर में घोषित होता है। लिहाजा 1 जनवरी से आयु गणना का फॉर्मूला लागू होता रहा है। लेकिन इस बार पीएससी और शासन की देरी से एक साल के अंतराल के बाद अब परीक्षा घोषित हुई। इसी के साथ आयुसीमा में फॉर्मूला लागू कर दिया। परीक्षा में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु की गणना 1 जनवरी 2020 के आधार पर की जाएगी। मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग का वर्ष 2019 का नोटिफिकेशन दस महीने देरी से किया गया है| 40 वर्ष के करीब वाले उम्मीदवार आयुसीमा की गणना के ताजा फॉर्मूले के कारण परीक्षा में भाग लेने से ही वंचित रह जाएंगे। परीक्षार्थियों का कहना है कि अतिरिक्त छूट दी जानी चाहिए। राज्यसेवा में आयुसीमा में कम से कम 1 वर्ष की छूट होनी चाहिए क्योंकि 1 वर्ष के अंतराल के बाद परीक्षा हो रही है।