भोपाल। फराज़ शेख| राजधानी में अयोध्या के फैसले को लेकर शांति व्यवस्था में तैनात रहे जिन जवानों ने अहम् योगदान दिया। महकमे ने उन्हीं के साथ जानवरों जैसा सलूक किया। खाने के नाम पर जवानों को सात पुड़ी और आलू की सब्जी दी जा रही थी। वह भी फैसले वाले दिन एक ही समय नसीब हुई। दूसरे वक्त कई जवानों ने खुद इस खाने को खाने से नकार दिया। नाम न छापने की शर्त पर पुलिसकर्मियों ने बताया कि उक्त पुड़ी सब्जी बासी दी गई थी। बंद के दौरान खुद खाने की व्यवस्था करना भी खासा मुशकिल था, भला हो क्षेत्रीय थाना प्रभारियों का जिन्होंने होटलों के किचन में अपने-अपने थाना क्षेत्रों में पदस्थ बल का अलग से खाना बनवाकर पेट भराया। उल्लेखनीय है कि इस पूरी व्यवस्था का जिम्मा आरआई को सौंपा गया था।
जानकारी के अनुसार नौ नवंबर को अयोध्या का फैसला आया था। इस दौरान शहर में करीब 6 हजार जवानों की तैनाती की गई थी। जिसमें फारेस्ट,क्यूआरएफ,आरएएफ, पीटीएस तिगरा, पंचमढ़ी,आबकारी और भौंरी का बल शामिल था। इन तमाम जवानों के खान-पान तथा सोने की व्यवस्था का जिम् मा आरआई के पास था। कई जवानों ने बताया कि खुली सड़कों में चादर की पतली टैंट में सोने के लिए इंतजाम किए गए थे। खाने के नाम पर एक समय सात पुड़ी और आलू की सब्जी नौ तारीख की दोपहर को दी गई थी। जो खाने लायक नहीं लग रही थी। कई थाना क्षेत्रों में जहां पुलिस जवानों के रहने की व्यवस्था की गई थी। वहां शौच जाने और लघुशंका जाने के लिए कोई इंतजाम नहीं थे। कई मीटर और कई बार किलो मीटर तक शौचालय की तलाश में जाना पड़ा। यह तमाम शिकायतें ड्यूटी में तैनात पुलिसवालों ने संबंधित थानों के प्रभारी और अधिकारियों को दी। तब थाना प्रभारियों ने अपने-अपने स्तर पर खाने और ठहराने की व्यवस्था जवानों के लिए की।