भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में मालवीय नगर स्थित पत्रकार भवन पर सोमवार को नगर निगम ने बुल्डोजर चलाकर जमींदोज कर दिया। बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई लीज समाप्त होने के बाद की गई है। कार्रवाई के दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। हाईकोर्ट से रिव्यू पिटीशन खारिज होने के बाद जिला प्रशासन ने शनिवार को ही पत्रकार भवन को सील कर दिया था। सोमवार को सुबह नगर निगम अधिकारियों ने भवन को खाली कराकर धराशायी कर दिया।
निगम अफसरों के मुताबिक, राज्य सरकार द्वारा 1969 में मालवीय नगर में करीब 17 हजार वर्गफीट में पत्रकार भवन का निर्माण कराया था और उसे 34 साल के लिए लीज पर पत्रकारों को सौंप दिया गया था, लेकिन उस पर कुछ पत्रकार संघों द्वारा कब्जा कर लिया गया। लीज समाप्त होने के बाद पत्रकार संघ भवन से कब्जा छोडऩे के लिए तैयार नहीं थे। इस भवन को लेकर जिला प्रशासन और पत्रकार संघों के विवाद विवाद मप्र हाईकोर्ट पहुंच गया। कई वर्ष तक यह विवाह हाईकोर्ट में चलता रहा। शहर सर्किल एसडीएम जमील खान ने बताया कि जस्टिस सुजॉय पॉल की एकलपीठ ने कहा कि पत्रकार संघ और समितियां उक्त जमीन पर अपना अधिकार साबित करने में विफल रहे हैं। लिहाजा कोर्ट ने कलेक्टर भोपाल के उस फैसले को सही करार दिया, जिसमें लीज निरस्त कर दी गई थी। इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने शनिवार को पत्रकार भवन में बने दफ्तरों को सील कर भवन को अपने कब्जे में ले लिया था और रविवार की रात इस भवन को तोडऩे की पूरी तैयारी की गई।
रातों-रात भवन के अंदर बने दफ्तरों का सामान बाहर निकालकर सडक़ पर रखवा दिया और सोमवार को सुबह करीब पांच बजे नगर निगम के बुल्डोजर भवन को गिराने के लिए पहुंचे गए। भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे नगर निगम और जिला प्रशासन के अमले ने पत्रकार भवन को पूरी तरह जमींदोज कर दिया। मामले को लेकर प्रदेश के जनसम्पर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि हाईकोर्ट ने पत्रकार समितियों की अपील खारिज कर दी थी। इसके बाद यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि पत्रकार भवन काफी जर्जर हो गया था। इसकी जगह पर अब पत्रकारों के लिए सर्व सुविधायुक्त नया भवन बनाया जाएगा। वहीं पत्रकार संघों ने आरोप लगाया कि अभी मामला अदालत में चल रहा था। नगर निगम और जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के स्टे के बावजूद भवन को तोड़ दिया।