कहने को तो ये एक शासकीय पत्र है, लेकिन यदि इसकी गंभीरता को समझेंगे तो ये बहुत बड़ी बात है कि जिले के मुखिया और सभी विभागों पर एक विशेष अधिकार रखने वाले अधिकारी कलेक्टर को नगर निगम कमिश्नर और स्मार्ट सिटी सीईओ को बार बार पत्र लिखने की जरुरत पड़ रही है वो भी कार्यालय परिसर की स्ट्रीट लाइट सुधरवाने के लिए।
Gwalior Collector Akshay Kumar Singh की खबरें
कलेक्टर श्री सिंह ने जिले के सभी एसडीएम व तहसीलदारों को अपने-अपने क्षेत्र के पटवारियों के बस्ते की आकस्मिक जांच करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पटवारी बस्ते और राजस्व न्यायालयों की जांच प्रभावी ढंग से की जाए, जिससे सभी राजस्व न्यायालय व राजस्व अधिकारियों के कार्यालय व्यवस्थित हों।
आयुक्त ने कहा कि विवादित राजस्व प्रकरणों का निराकरण केवल कोर्ट में बैठकर ही नहीं बल्कि मौके पर पहुँचकर दोनों पक्षों के बयान लेकर व पटवारी रिपोर्ट के आधार पर किया जाए। राजस्व प्रकरणों का निराकरण मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान – द्वितीय चरण में शामिल है। इसलिए इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।
कलेक्टर ने कुछ अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश दिए हैं, कुछ अधिकारियों के खिलाफ पत्र लिखकर अप्रसन्नता जाहिर की है और कुछ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने संभाग आयुक्त और नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखा है।
कलेक्टर ने बुधवार को ग्राम सौजना के यूनियन बैंक में पहुँचकर मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत किए जा रहे डीबीटी कार्य का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देश दिए कि इस काम को पूरी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ अंजाम दें। डीबीटी के लिये महिलाओं को टेलीफोन करके भी बुलाया जाए।
एसडीओपी संतोष पटेल आदिवासियों के साथ जमीन पर उन्हीं की तरह घुटनों के बल बैठे और उन्हें विश्वास दिलाया कि प्रशासन और पुलिस हमेशा आपके साथ है आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है।
सफाई व्यवस्था देखने निकले कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और नगर निगम कमिश्नर हर्ष सिंह ऐतिहासिक जनक ताल पहुंचे यहाँ ताल में गन्दगी देखकर उन्होंने नाराजी जताई और खुद श्रमदान करने उतर गए, उन्होंने ताल के पास जमा सूखा कचरा और गन्दगी हाथों से उठाई।
समीक्षा के दौरान कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने पहले त्रैमास में गर्भवती माताओं के कम पंजीयन पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने हीमोग्लोबिन मीटर की कमी पर भी नाराजगी जताई। कलेक्टर ने एनआरसी (पोषण पुनर्वास केन्द्र), गर्भवती माताओं के कल्याण के लिये संचालित योजनाएँ, असंचारी रोग निवारण कार्यक्रम, लाड़ली लक्ष्मी योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की प्रगति ठीक न पाए जाने पर सख्त नाराजगी जताई।