भोपाल। विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले अब भाजपा और कांग्रेस भितरघातियों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं। हार जीत का फैसला 11 दिसंबर को होना है लेकिन भाितरघातियों ने दोनों दलों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। दोनों दलों की परेशानी यह है कि अपने की अपनों की आखों का कांटा बने और चुनाव में प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ गए। करीब दो दरज्न सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा और कांग्रेस पर हार का खतरा मंडरा रहा है। दूसरी ओर कांग्रेस को भी अपनों से नुकसान हुआ है। इनमें बागी और नाराज नेता शामिल हैं। इस बार दो दर्जन सीटों पर इस बात का अंदाजा लगाना मुश्किल हो रहा है कि जीत किसकी होगी।
अपनों की वजह से भाजपा प्रत्याशी सपने में
भिंड में मौजूदा विधायक नरेंद्र सिंह पुनः भाजपा से टिकट लेने में असफल रहे तो अपनों को हराने के लिए साइकिल पर सवार हो गए। चंदला में भाजपा से नाराज नगर पंचायत अध्यक्ष आनित्य सिंह भाजपा का खेल बिगाड़ रही है तो बैरसिया में पूर्व विधायक ब्रह्मानंद रत्नाकर ने भी भाजपा के लिए मुश्किल खड़ी कर दी हैं। सीहोर में पूर्व विधायक रमेश सक्सेना ने अपनी पत्नी ऊषा को निर्दलीय उतारकर भाजपा प्रत्याशी के ही वोट काटे हैं। ग्वालियर में पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता भाजपा से टिकट ना मिलने पर अपनी पार्टी के प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ दिखीं। इस तरह अपनों की वजह से भाजपा के प्रत्याशी सदमे में हैं।
कांग्रेस को इन्होंने पहुंचाया नुकसान
कांग्रेस के नेता भी इस मामले में पीछे नहीं है। उज्जैन की घट्टिया सीट पर पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ने अपने पुत्र अजीत बोरासी को मैदान में उतारकर कांग्रेस को नुकसान कर दिया है। लखनादौन में पूर्व निगम चेयरमैन शोभाराम भलावी को कांग्रेस से टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय मैदान में डट कर कांग्रेस प्रत्याशी योगेंद्र का नुकसान करते रहे। पन्ना नगर सीट पर जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष भारत सिंह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने पूरी ताकत झोंक रहे थे। टिकट ना मिलने से नाराज होकर निर्दलीय मैदान में कूद गए। बहोरीबंद में कांग्रेस के वर्तमान विधायक कुंवर सौरभ सिंह अपनों के कारण मुश्किल में है। यहां गोविंद पटेल पार्टी से टिकट मांग रहे थे। टिकट नहीं मिला तो बसपा का झंडा लेकर चुनावी रण में उतर गए। बड़वारा में कांग्रेस अजा-जजा मोर्चा के अध्यक्ष अजय गोटिया भी नाखुश होकर बसपा के टिकट पर मैदान में उतरे। पन्ना में कांग्रेस के पूर्व सचिव अनिल तिवारी ने निर्दलीय चुनाव लड़कर अपनों का ही खेल बिगाड़ने में अहम भूमिका निभाई। झाबुआ में पूर्व विधायक देवरिया निर्दलीय खड़े होकर चुनाव नुकसान का कारण बने तो वारासिवनी में दो बार के विधायक रहे गुड्डू जायसवाल ने खड़े होकर कांग्रेस प्रत्याशी के चुनावी समीकरणों को बिगाड़ने में कसर नहीं छोड़ी।