भोपाल।
जबलपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिलने के बाद प्रहलाद लोधी और बीजेपी नेताओं ने विधानसभा सचिवालय से ‘अयोग्यता’ निरस्त करने की मांग की है।पार्टी की ओर से सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में प्रहलाद लोधी को विशेष अदालत द्वारा दी गई सजा को स्थगित कर दिया है, इसलिए उन्हें विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराने के संबंध में जारी आदेश को निरस्त किया जाए। वही उन्होंने निर्वाचन आयोग से भी उचित कार्रवाई करने की मांग की है।
दरअसल, हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद पवई से भाजपा विधायक रहे प्रहलाद लोधी शुक्रवार को पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ हाईकोर्ट के आदेश की प्रति लेकर विधानसभा सचिवालय और राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय पहुंचे थे।यहां उन्होंने लोधी की ‘अयोग्यता’ निरस्त करने की मांग की की।। पार्टी की ओर से सौंपे गए पत्र में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने अपने आदेश में प्रहलाद लोधी को विशेष अदालत द्वारा दी गई सजा को स्थगित कर दिया है। पत्र में न्यायालयों के आदेशों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि इनके प्रकाश में लोधी विधानसभा के सदस्य बने रहेंगे। इसलिए उन्हें विधानसभा की सदस्यता के अयोग्य ठहराने के संबंध में जारी आदेश को निरस्त किया जाए। इसी संबंध में एक पत्र और आदेश की प्रति राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को भी सौंपकर आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया गया है।
ये है पूरा मामला
बता दे कि तहसीलदार से पिटाई के एक पुराने मामले में भोपाल की स्पेशल कोर्ट ने प्रहलाद लोधी को दोषी मानते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि लोधी को जमानत मिल गयी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के तहत मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर एनपी प्रजापति ने सदन में एक पद रिक्त होने की सूचना चुनाव आयोग को भेज दी थी और विधानसभा से प्रहलाद लोधी की सदस्यता रद्द कर दी।जिसके बाद लोधी ने इस फैसले को जबलपुर हाई कोर्ट में चुनौती दी थी जिसपर गुरुवार को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट में लोधी को राहत देते हुए सजा पर 7 जनवरी 2020 तक लिए रोक लगा दी है।अगली सुनवाई 7 जनवरी को होना है।
मामला ज्यूडिशियल हो गया है, इसलिए इंतजार कीजिए, जहां तक लोधी की सदस्यता समाप्त किए जाने का मसला है तो इसमें कोई जल्दबाजी नहीं की गई।
एनपी प्रजापति, विस अध्यक्ष , मप्र