विधानसभा में इस वजह से हारा बीजेपी ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद का चुनाव

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भोपाल।  पंद्रहवी विधानसभा के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद सत्ता पक्ष यानि कांग्रेस के पास है। दोनों ही पदों पर बीजेपी ने भी उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन भाजपा यहां मात खा गई। बीजेपी के इस कदम पर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है ऐसा बीजेपी ने रणनीति के तहत किया है। विधानसभा में दोनों पदों पर हुए सियासी घमासान को लेकर अब बीजेपी इस मुद्दे के साथ लोकसभा चुनाव के लिए जनता के बीच जाने वाली है। बीजेपी लोकसभा चुनाव के लिए अब जनता के बीच कांग्रेस को अलोकतांत्रिक और अहंकारी होने के आरोप लगाकर उतरेगी। 

दरअसल, विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली हार के बाद भी पार्टी ने विधायकों की संख्या होने की बात कहकर अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार उतारे। इससे एक नई बहस ने जन्म लिया। कांग्रेस ने आरोप लगाए कि बीजेपी ने ऐसा कर तीन दशक पुरानी परंपरा तोड़ी है। अभी तक परंपरा रही है कि जो पार्टी सत्ता में आती है अध्यक्ष पद का चयन भी वहीं करती है। लेकिन बीजेपी ने इस परंपरा को तोड़ते हुए अपना उम्मीदवार उतारा। इसलिए कांग्रेस ने बीजेपी से डिप्टी स्पीकर का पद भी छीन लिया। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी ने परंपरा को तोड़ने की पहल की है, इसलिए ऐसा हुआ है। लेकिन राजनीति के जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने ऐसा सोची समझी रणनीति के तहत किया है। 


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