भाजपा के सामने बड़ी चुनौती, विधायक से इस्तीफा लेने पर माथापच्ची जारी

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भोपाल। विधानसभा चुनाव में बहुमत का चमत्कारी आंकड़ा छूने से महज़ 7 सीटें पीछे रही बीजेपी अब एक बार फिर नंबर गेम में उलझ गई है। भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद गुमान सिंह डामोर विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे या फिर लोकसभा से पार्टी इस पर फैसला नहीं ल पा रही है। अगर विधायकी से इस्तीफा दिलवाती है तो फिर राज्य विधानसभा में उसके विधायकों की संख्या 108 ही बचेगी। लेकिन केंद्र में इस बार मोदी सरकार प्रचंड बहुमत से जीती है। उसके 303 सांसद संसद पहुंचे हैं। अब देखना यह होगा कि बीजेपी क्या फैसला लेती है जिससे नई रणनीति तय हो होगी। 

मप्र में इस समय नंबर गेम का महत्व बड़ा महत्व बना हुआ है। विधानसभा चुनाव में न तो कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिल सका और न ही भाजपा को। कांग्रेस को 114 सीटें मिली और भाजपा 109 पर जाकर अटक गई। ऐसे में 4 निर्दलीय और बसपा के दो और सपा के एक विधायक के समर्थन से कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत की सरकार बना ली। इसी नाजुक नंबर गेम को ध्यान में रखते हुए लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किसी भी विधायक को लोकसभा का टिकट नहीं दिया और अपने सभी मौजूदा विधायकों को बरकरार रखा। लेकिन भाजपा से एक रणनीतिक चूक हुई। स्थानीय कारणों के चलते भाजपा ने रतलाम – झाबुआ संसदीय क्षेत्र से मौजूदा विधायक गुमान सिंह डामोर पर दांव लगाया। मोदी लहर में यह दांव चल भी गया। जब डामोर ने कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता कांतिलाल भूरिया को 90636 वोटों के बड़े अंतर से हरा दिया। लेकिन डामोर सांसद बनने की खुशी ठीक से मना भी नहीं पा रहे हैं।


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