‘हाथी’ बिगाड़ेगा दूसरे दलों का गणित, एक दशक बाद फिर मैदान मारने की तैयारी

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भोपाल। बहुजन समाज पार्टी ने पिछले चुनाव में मध्यप्रदेश लोकसभा की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। इस बार लोकसभा चुनाव में पार्टी 26 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की रणनीति बना रही है। पिछली बार बसपा के उम्मीदवार 2 सीटों पर नम्बर 2 और 18 सीटों पर नम्बर 3 की पोजीशन पर रहे थे। रीवा-मुरैना सीट पर  बसपा ने दूसरे दलों के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी। इस लोकसभा चुनाव में बसपा का 5 सीटों पर वर्चस्व ज्यादा दिखाई दे रहा है। करीब 28 साल पहले बसपा का एमपी में लोकसभा में खाता खुला था। पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि बसपा इस बार लोकसभा में अपना खाता खोलकर अन्य सीटों को भी जीतने में सफल हो सकेगी। बसपा प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम और प्रदेश अध्यक्ष द्वारका प्रसाद चौधरी चुनावी रणनीति बनाने में जुटे हैं। पार्टी का टारगेट है कि जमीनी मजबूत पकड़ रखने वाले कार्यकर्ता को पार्टी चुनाव मैदान में उतार रही है। ऐन वक्त पर दूसरे दलों के नाराज कद्दवार नेता को भी बीएसपी में शामिल कर चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है। पार्टी ने अभी अनेक सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फायनल नहीं किए हैं।  

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी 26 सीटोंं पर प्रत्याशी उतारेगी। इस चुनाव में 3 सीटें पार्टी ने समाजवादी पार्टी को गठबंधन के लिए छोड़ी हैं। इस बार सपा को खजुराहो, टीकमगढ़ और मंडला में अपनी ताकत दिखाने का अवसर मिला है। वहीं रीवा में 1991 मेंं भीमसिंह पटेल ने बसपा का खाता खुलवाया था। वर्ष 1996 में बुद्धसेन पटेल जीते। इसके बाद वर्ष 2009 में देवराज सिंह पटेल चुनाव जीते। बसपा ने इस क्षेत्र में अपनी पकड़ को कमजोर नहीं होने दिया। पटेल ने वर्ष 2014 में भी मैदान मारने की कोशिश की, लेकिन वे जीत हासिल नहीं कर सके। अभी तक प्रदेश में रीवा और सतना ऐसी सीटें हैं, जहां से बसपा को जीत मिली है। पिछले चुनाव में पार्टी के 2 प्रत्याशी नम्बर 2 एवं 18 सीटों पर नम्बर 3 के स्थान पर रहे थे। बसपा एक दशक बाद एक बार फिर अपनी जमीन मजबूत करते हुए जीत के लिए चुनाव में 26 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है।


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