भोपाल। मध्य प्रदेश में लंबे समय बाद लोक सेवा परीक्षा होने जा रही है। लेकिन प्रशासन की ओर से आर्थिक कमज़ोर वर्ग के लोगों को बड़ा झटका लगा है। आयोग द्वारा नियमों का हवाला देते हुए सामान्य वर्ग के छात्रों को दस फीसदी आरक्षण देने से इंकार कर दिया है। इस फैसले से प्रदेश के लाखों छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग ने 150 पदों पर आर्थिक आधार पर आरक्षण देने से इंकार कर दिया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग ने आर्थिक कमज़ोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस ) के लिए एस शर्त जोड़ दी है। जिसके मुताबिक जुलाई 2019 से पहले रिक्त पदों पर इसका लाभ नहीं मिलेगा। इस नियम के कारण लोक सेवा आयोग ने भी 389 पदों की भर्ती में ईडब्ल्यूएस आरक्षण का पूरा लाभ नहीं दिया है। जबकि केंद्र सरकार ने दस फीसदी आरक्षण ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्रों को देने के लिए कहा है। लेकिन प्रशासन के इस शर्त के कारण लाखों छात्रों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
ओबीसी के लिए लागू नहीं हुआ नियम
सामान्य प्रशासन विभाग ने ओबीसी के लिए यह शर्त नहीं रखी है। ओबीसी छात्रों को जुलाई 2019 के पहले के पदो पर भी इसका लाभ मिलेगा। ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण दिया जा रहा है। कमलनाथ सरकार ने हाल ही में 27 फीसदी आरण का प्रावधान लागू किया है।
संशोधन की कही बात
जीएडी के अपर सचिव केके सिंह ने कहा कि आदेश का अध्ययन करने पर पता चला है कि आधिकारियों से गलती हुई है। मामले में विभागीय मंत्री से बात कर आदेश में संशोधन किया जाएगा।
क्या है नियम
बता दें कि जनवरी, 2019 में मोदी कैबिनेट ने पिछड़े सवर्णों को आर्थिक आधार पर नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने को मंजूरी दी थी। मोदी सरकार संविधान संशोधन बिल संसद में पेश कर आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के उन लोगों की आरक्षण का फायदा देने के लिए कानून बनाया था।