मध्यप्रदेश के बड़े मंदिरों में आए दिन विवाद की घटनाएं सामने आ रही है। कभी श्रद्धालुओं को अंदर जाने को लेकर प्रशासन का विवाद हो जाता है तो कभी फोटो खींचने या फिर दर्शन करने को लेकर ।कई घटनाओं के तो वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके है। इसी को देखते हुए सीएम कमलनाथ ने अलग अलग बैठके बुलाई है। खबर है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उज्जैन के महाकाल मंदिर के मामलों को सुलझाने के लिए 10 अगस्त और खंडवा स्थित दादाजी धूनी वाले मंदिर के विकास कार्यों को लेकर उपजे विवाद को लेकर 13 अगस्त को भोपाल में बैठक बुलाई है।माना जा रहा है कि मंदिरों को लेकर सीएम कमलनाथ बैठक में बड़ा फैसला कर सकते है।
दरअसल, उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध मंदिरों महाकाल मंदिर में दर्शनार्थियों की दिनों दिन बढ़ती संख्या के कारण मंदिर परिसर में आए दिन विवाद की स्थिति बनने लगी है।कभी दर्शन करने को लेकर प्रशासन का भक्तों से विवाद हो जाता है तो कभी फोटो खींचने या फिर धक्कामुक्का होने पर।बीते दिनों इस तरह की कई घटनाएं सामने आई थी, जिसको लेकर खूब बवाल भी मचा था। यहां तक की वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। हाल ही में सालों बाद श्रावण सोमवार और नागपंचमी एक दिन होने के कारण मंदिर में भारी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली।अभी तक ऐसे अवसरों पर औसतन 50-60 हजार लोग आते थे लेकिन इस बार नागपंचमी को ढाई लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए मंदिर पहुंच गए। इस कारण सारी व्यवस्थाएं कम पड़ गईं। यहां तक कि प्रभारी मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के साथ भी धक्का-मुक्की हो गई।इसके पहले स्नान को लेकर भी बखेड़ा हुआ था। इसके बाद मंदिर से जुड़ी सभी व्यवस्थाओं को लेकर नए सिरे से समीक्षा का दौर शुरू किया गया है।
इसके अलावा मंदिर मे मूर्ति क्षरण, विकास योजनाओं और त्यौहारों जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।इसमें अध्यात्म विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव से लेकर, उज्जैन कमिश्नर-कलेक्टर एवं नगर निगम आयुक्त को भी बुलाया गया है। बैठक में मंदिर की विकास योजनाओं की कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी।वही महाकाल मंदिर के साथ खंडवा स्थित दादाजी धूनी वाले मंदिर के विकास कार्यों को लेकर उपजे विवाद पर भी मुख्यमंत्री ने 13 अगस्त को अलग से बैठक बुलाई है। इसमें मंदिर से जुड़े तीनों पक्षों को तलब किया गया है। बैठक में भी अध्यात्म विभाग के एसीएस से लेकर अन्य सभी उच्च अधिकारी मौजूद रहेंगे।