भोपाल। वन और राजस्व विभाग लंबे समय से चले आ रहे भूमि विवाद को निपटाने ेके लिए आपस में बैठक करेंगे। इसको लेकर 21 नवंबर को राज्य स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में भूमि विवाद से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। जिसमें वन विभाग और राजस्व विभाग के बीच चल रहे विवादों को सुलझाने की कोशिश होगी। राजस्व विभाग ने लाखों हेक्टेयर सरकारी जमीन के रिकॉर्ड से गायब होने की जांच शुरू कर दी है।
प्रदेश से 42 लाख हेक्टेयर सरकारी जमीन का रिकॉर्ड गायब होने का मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार ने सरकारी रिकॉर्ड के जांच के आदेश दिए हैं। राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा है कि इस मामले की जांच करवाई जाएगी। इसके लिए जमीनों का सीमांकन करवाया जाएगा। वहीं, जांच में दोषी पाए जाने पर अफसरों पर कार्रवाई की जाएगी।
सीधी-सिंगरौली में ज्यादा गड़बड़ी
सीधी, सिंगरौली सहित ऐसे क्षेत्र जहां ज्यादा जमीनों का रिकार्ड गड़बड़ हुआ है, वहां जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, ताकि आम जनता को सालों से चली आ रही है इस गड़बड़ी की जानकारी लग सके और वे भी इसका विरोध दर्ज करवा सकें। उल्लेखनीय है कि सरकारी जमीन के रिकॉर्ड गायब होने के मामले की शिकायत अनिल गर्ग ने ही मुख्यमंत्री से की थी। इसके बाद रिकॉर्ड खंगालने की कवायद शुरू हुई है। गर्ग का आरोप है कि कुछ किसानों की जमीन बिना मुआवजा दिए वन विभाग ने अपनी कार्ययोजना में शामिल कर ली है।