भोपाल।
मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री और शाजापुर विधायक हुकुम सिंह कराड़ा ने एक बड़ा खुलासा किया है। कराड़ा का कहना है कि नीमच-मंदसौर जिले में सितंबर में हुई भीषण बारिश के दौरान अगर गांधीसागर डेम के गेट सही समय पर नही खोलते तो यह फूट सकता था और इसका पानी राजस्थान के रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में पानी घुस जाता। इससे चेर्नोबिल जैसा परमाणु हादसा हो सकता था। मंत्री के इस खुलासे पर पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक नरोत्तम मिश्रा ने बड़ा बयान दिया है और इस पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है।
आज मीडिया से चर्चा करते हुए मिश्रा ने कहा कि हमने पहले ही कहा था कि जिसे आज जल संसाधन मंत्री कह रहे है अब सिर्फ दोषियों पर कार्यवाही करने चाहिए और चिन्हित करना चाहिए ।पूरे मामले पर मैं जांच की मांग करता हूं। यह एक प्रकार्तिक आपदा नही बल्कि मानव निर्मित आपदा थी । मिश्रा ने आगे कहा कि किसानों को कुछ राहत तो दे नही पा रहे। मध्यप्रदेश में जबकी अधिक वर्षा हुई ।फैक्ट्री नगर निगम में सिर्फ 5 फीसदी पानी लगता है जबकि किसानों को 95 फीसदी पानी दिया जाता है । किसानों पर सोची समझी साजिश के तहत यह काम किया जा रहा ।मृत मवेशियों पर भी पैसे लेते है ।
दरअसल, सोमवार को शाजापुर में एक कार्यक्रम में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कराड़ा ने कहा कि यदि डेम फूट जाता तो कोटा सहित कई शहरों में भारी तबाही हो सकती थी और हालात बेकाबू हो जाते। यदि डेम फूट जाता तो इसका पानी रावतभाटा परमाणु ऊर्जा संयंत्र में घुस जाता और रेडिएशन फैलने की आशंका रहती।फिर देश में रूस में चेर्नोबिल परमाणु संयंत्र जैसा हादसा हो सकता था। मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा ने कहा कि उस समय पीएमओ, कोटा सांसद ओम बिरला, मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार के हाथ पैर फुल गए थे, इसलिए उस समय गांधी सागर डैम के गेट खोलना पड़े और कोटा को तबाही से बचाने के लिए भिंड , मुरैना की तरफ पानी को मोड़ना पड़ा।