भोपाल। मध्य प्रदेश में किसान कर्ज माफी योजना के लिए सरकार के तंगी से जूझ रही है। सरकारी ख़ाने की हालत बेहद खस्ता है। दस दिन में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा अब कमलनाथ सरकार पर भारी पड़ता दिख रहा है। लोकसभा के नतीजों के बाद सरकार ने एक बार फिर किसानोंं का कर्ज माफ करने की प्रक्रिया शुरू की है। लेकिन पूरी तरह से कर्ज माफी के लिए अभी भी राज्य सरकार को 32 हज़ार करोड़ रुपए की जरूरत है। मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार को इतनी बड़ी राशि के इंतजाम के लिए एक साल और लग सकता है। इस तरह यह ऋण माफी योजना अगला साल तक लंबित होने की संभावना है।
दरअसल, मुख्यमंत्री कमलनाथ चाहते है कि जल्द से जल्द किसान कर्ज माफी योजना के लिए पात्र किसानों का कर्ज माफ हो जाए। जिससे आमगामी नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को इसका लाभ मिल सके। लेकिन सरकारी खज़ाने का हाल कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। 32 हज़ार करोड़ इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने बजट में शामिल करने के लिए कोई प्रावधान नहीं किया है। वहीं, वित्त विभाग ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। वित्त विभाग का कहना है कि प्रदेश की आर्थिक हालत को देखते हुए ऐसा करना नमुमकिन है। खज़ाने में इतना फंड नहीं है कि वर्तमान में किसानों का पूरा कर्ज माफ किया जा सके।