भोपाल।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सवाल खड़े करते हुए कहा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि फ़ैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को ग़ैर क़ानूनी अपराध माना है। क्या दोषियों को सज़ा मिल पायेगी? दिग्विजय के इस बयान के बाद कांग्रेस में हलचल तेज हो गई है। कमलनाथ सरकार में सहकारिता मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने दिग्विजय के बयान का समर्थन किया है। गोविंद सिंह का कहना है कि दिग्विजय ने कानून के सिद्धांत पर बयान दिया है, मैं भी सजा की मांग करता हूं।बता दे कि गोविंद सिंह दिग्विजय समर्थक माने जाते है।पहले भी वे कई बार खुलकर कई मुद्दों पर उनका समर्थन कर चुके है।
आज मीडिया से चर्चा करते हुए गोविंद सिंह ने कहा कि संविधान सबके लिए बराबर है ।मैं भी कहता हूं कि ऐसे लोगो को सजा मिले जिन्होंने ऐसा काम किया है। सभी को सजा मिलना चाहिए । नियमो के तहत ओर कानून के तहत सजा मिलना चाहिए।किसी को संविधान के अलग कोई अधिकार नही दिया है।बाबरी मज़्ज़ित तोड़ने का अधिकार किसी को नही दिया जा सकता।यह एक आपराधिक कृत्य है ।उन्होंने आगे कहा कि इस मुल्क और राजनीति करने वाले लोग जो हर प्रदेश में झगड़ा ओर ढोंग करते है।1992 में जो ढांचा गिरा था लूट-पाट , दुकानों को जलाने की घटना पहले भी बहुत हुई है लेकिन कितना भी बड़ा व्यक्ति हो किसी भी दल का ऐसे घटना वाले को नही छोड़ा जाएगा।
बीजेपी ने घेरा
वही दिग्विजय सिंह के ट्वीट पर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने पलटवार किया है। सारंग ने कहा है कि कुछ लोग इस देश में विघटन की राजनीति को आगे बढ़ाना चाहते हैं, कुछ नेताओं के तो पेट में दर्द होगा क्योंकि विघटन की राजनीति किए बिना उन्हें चैन नहीं मिलता। इस देश मे सेकड़ो वर्ष पुरानी समस्या का सुप्रीम कोर्ट ने हल किया है ।हर वर्ग ने इस आदेश को माना है।मैं दिग्विजय को सलाह देता हूं अपनी राजनीतिक उछल कूद बंद करें।
ये था दिग्विजय का ट्वीट
दरअसल, दिग्विजय ने ट्वीट करके सवाल खड़े किए है।दिग्विजय ने कहा है कि राम जन्म भूमि के निर्णय का सभी ने सम्मान किया हम आभारी हैं। कॉंग्रेस ने हमेशा से यही कहा था हर विवाद का हल संविधान द्वारा स्थापित क़ानून व नियमों के दायरे में ही खोजना चाहिये। विध्वंस और हिंसा का रास्ता किसी के हित में नहीं है। वही उन्होंने अगले ट्वीट मे उन्होंने लिखा है कि माननीय उच्चतम न्यायालय ने राम जन्म भूमि फ़ैसले में बाबरी मस्जिद को तोड़ने के कृत्य को ग़ैर क़ानूनी अपराध माना है। क्या दोषियों को सज़ा मिल पायेगी? देखते हैं। २७ साल हो गये।