भोपाल।
सत्ता में आने के बाद कमलनाथ सरकार एक के बाद एक दांव लगा रही है। अब सरकार ने फैसला किया है कि वह परिवहन नीति मे बदलाव करेगी।आने वाले दिनों में सरकार बस ड्राइवरों-कडंक्टरों को एक जैसी यूनिफॉर्म देगी। साथ ही उन्हें गाड़ी चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, अगर इसमें कोई फेल होता है तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। वही रात्रिकालीन बस सेवा भी प्रारंभ की जाएगी, जिससे बाहर से आने जाने वाले यात्रियों को सुविधा हो।बता दे कि बीते साल इंदौर में बस हादसा हुआ था जिसको लेकर शिवराज सरकार बैकफूट पर आ गई थी। विपक्ष ने जमकर सरकार की घेराबंदी की थी और अब उन्हों मुद्दों को आगे रख उनमें परिवर्तन करने जा रही है। हालांकि सरकार का ये फैसला कितना कारगार साबित होगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
दरअसल, आज मंगलावर को परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने प्रशासन अकादमी में परिवहन विभाग के अधिकारियों और बस ऑपरेटर्स के साथ की संयुक्त बैठक की।जहां यह फैसला किया गया कि स्कूल, प्राइवेट और सरकारी बसों में ड्राइवरों-कंडक्टरों का एक जैसा ड्रेस कोड लागू किया जाएगा।हालांकि कलर अभी तक तय नही हो पाया है।साथ ही क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों के अपने भवन बनेंगे और रात्रिकालीन बस सेवा प्रारंभ की जाएगी। इसके अलावा ग्रामीण परिवहन को बढ़ावा दिया जाएगा। वही हादसों को देखते हुए सरकार ने फैसला लिया है कि ड्राइवरों को दो दिन की ट्रेनिंग भी दी जाएगी, यदि इस ट्रेनिंग में कोई भी ड्राइवर फेल होता है, तो उसका लाइसेंस निरस्त कर दिया जाएगा। ये सब कुछ यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है। जल्द ही विभाग ड्रेस कोड को लेकर निर्देश भी जारी करेगा।
इसके अलावा निजी बस ऑपरेटर्स और सूत्र सेवा के मध्य समन्वय स्थापित कर यात्रियों के हित में समाधान निकाला जायेगा। राज्य में नया एप बनाकर रेड बस, ओला, उबेर आदि को एक ही प्लेटफार्म पर समाहित करने, आमजन के हित में जीपीएस आधारित ऑटोमेटिक व्हीकल लोकेशन पद्धति लागू करने का प्रयास किया जायेगा। इससे नियंत्रण कक्ष के माध्यम से विभिन्न वाहनों पर नजर रखी जा सकेगी। स्कूली पाठ्यक्रम में यातायात सुरक्षा का अध्याय शामिल करने की पहल भी की जाएगी।
गौरतलब है कि बीते दिनों पत्रकारों से चर्चा के दौरान परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा था कि अभी हम इंदौर में हुआ स्कूल बस का हादसा नहीं भूले हैं। बसों के संचालन पर सख्त निगरानी की जरूरत है। हादसे बढ़ रहे हैं। इसलिए हमने तय किया है कि हर स्कूल व यात्री बसों में जीपीएस लगाएंगे। इसके लिए राजधानी भोपाल में अति आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस कंट्रोल रूम बनाएंगे। यहां बैठकर हर बस की निगरानी की जा सकेगी। इसके लिए विशेषज्ञों से बातचीत की जा रही है। इन बसों के ड्राइवर कंडक्टर्स के लिए ड्रेस कोड लागू किया जाएगा। इन्हें नेवी ब्लू रंग की वर्दी पहनना अनिवार्य होगा।