पीड़ित पक्ष को त्वरित न्याय, मप्र अभियोजन विभाग ने 2018 में 4 नेशनल रिकॉर्ड बनाए

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भोपाल| दुष्कर्म के सर्वाधिक मामलों के दाग को लेकर सुर्खियों में रहने वाला मप्र अब पीड़िताओं को त्वरित न्याय दिलाने के लिए चर्चा में है। पीड़ित पक्ष को त्वरित न्याय दिलाने की मुहीम साकार हुई है| साल 2018 में मध्य प्रदेश अभियोजन विभाग ने 4 राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए हैं और अब लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड (इंटरनेशनल), इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड आदि में प्रवेश पाने के लिए आवेदन किये जा रहे हैं| महानिदेशक अभियोजन राजेंद्र कुमार ने बताया कि ये राष्ट्रीय रिकॉर्ड हैं और किसी के लिए भी इन रिकॉर्डों को तोड़ना बहुत मुश्किल होगा। ये रिकॉर्ड बेहतर टीम वर्क, केंद्रित दृष्टिकोण और एमपी प्रॉसिक्यूशन डिपार्टमेंट की उचित रणनीति के कारण बनाए गए हैं। हम 2018 में सजा दर में एक महत्वपूर्ण मुकाम पर पहुंच गए हैं। आईपीसी अपराधों में मजिस्ट्रेट ट्रायल में हमने 60% की सजा की दर हासिल की है, जहां पिछले साल तक हम 51% थे। सजा दर में 9% का महत्वपूर्ण सुधार है।  कुछ विशेष जघन्य अपराध योजना में हमने 70% की सजा दर प्राप्त की है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि जहां चाह है वहां राह है।


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