भोपाल। प्रदेश सरकार भाजपा शासन काल में हुए घोटालों की एक के बाद एक जांच शुरू कराने जा रही है। व्यापमं, पौधरोपण, ई-टेडरिंग के बाद अब चर्चित रहे डंपर घोटाले की जांच कराने की तैयारी में है। जीएडी मंत्री डॉ गोविंद ने डंपर घोटाले को व्यापमं से भी बड़ा बताते हुए इसकी दोबारा जांच की मांग की है। भाजपा इस कार्रवाई की बदले की राजनीति बता रही है। यदि सरकार डंपर घोटाले की फाइल खोलती है तो फिर उन अटकलों पर विराम लग जाएगा जो कमलनाथ-शिवराज की केमिस्ट्री को लेकर लगाई जा रही हैं। खबर है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने डंपर घोटाले से जुड़ी फाइल मंगा ली है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि कमलनाथ सरकार ने अभी तक शिवराज के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया है, जबकि कई मंत्री एवं अफसरों को उलझा लिया है। मंत्री गोविंद सिंह ने संकेत दिए हैं कि व्यापम के साथ अब सरकार डंपर घोटाले की जांच भी दोबारा शुरू कर सकती है। डंपर घोटाला सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उनके परिवार से जुड़ा हुआ है। गोविंद सिंह का बयान सामने आते ही प्रदेश की सियासत में हड़कंप मच गया है।
कांग्रेस को न्यायालय पर भरोसा नहीं: भाजपा
जीएडी मंत्री के बयान पर भाजपा रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार लगातार आरोप और प्रत्यारोप की राजनीति कर रही है। कांग्रेस सरकार निष्कर्ष पहले निकाल रही है और जांच कराने की बात बाद में कर रही है। यह वही कांग्रेस है जिसे न न्यायालय पर भरोसा है और न ही जांच एजेंसी पर भरोसा है।
केके मिश्रा ने उठाया था मामला
डंपर घोटाले को कांग्रेस के तत्कालीन मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने जोर शोर से उठाया था। इसे लेकर कानूनी लड़ाई भी लड़ी। घोटाले में लोकायुक्त अपनी जांच कर चुकी है और हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक से केके मिश्रा की याचिका खारिज हो चुकी है। अब देखना यह है कि सरकार डंपर घोटाले में नए तरह से क्या जांच कराती है।