भोपाल। क्राइम ब्रांच के बाद अब जहांगीराबाद पुलिस पर पिस्टल तस्करों से वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। इतना ही नहीं एक गंभीर मामले में केस को कमजोर करने के एवज में तीन लाख रूपए की वसूली करने के आरोप भी पुलिस पर लग रहे हैं। पूरे मामले की शिकायत फरियादी ने डीआईजी इरशाद वली से लिखित आवेदन के माध्यम से की है। जिसकी जांच कराई जा रही है। पीडि़त ने अपने बयान भी दर्ज करा दिए हैं। जिसके बाद जहांगीराबाद थाने के एक एएसआई और दो आरक्षकों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
जानकारी के अनुसार जुबैर पिता जाफर खान (26) निवासी मकान नंबर 48 कोलीपुरा एक चाय की दुकान में काम करता है। उसने डीआईजी कायाज़्लय में आवेदन देते हुए बताया कि पिछले दिनों जहांगीराबाद पुलिस ने पिस्टल तस्करी के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया था। फरियादी ने आवेदन में दावा किया है कि आरोपियों से करीब 12 पिस्टलें जब्त की गई थीं। युवक ने इस आरोप को पुख्ता करने के लिए आवेदन के साथ एक फोटो भी संग्लन किया है। पूरी करज़्वाई एएसआई अशोक शमाज़् आरक्षक धमेज़्ंद्र और सादिक ने की थी। मामले में शहर के बाहर के एक पाषज़्द सहित अन्य बदमाशों को पकड़ा गया था। हालांकि केस महज दो पिस्टलों का बनाया, केस को कमजोर करने के एवज में तीन लाख रूपए की मोटी रकम ऐंठी गई। जिसमें माज और सन्नी खटीक को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस मामले का असल आरोपी जहांगीराबाद थाने का ही मुखबिर था। जिसे पुलिस ने मोटी रकम लेकर बचा लिया है। अब शिकायत करने के बाद अशोक शमाज़् और धमेज़्ंद्र, फरियादी जुबैर को धमका रहे हैं। जुबैर के भाई सादिक का कहना है कि उन्होंने स्वयं डीआईजी को एक अन्य आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की है। अशोक शमाज़् लगातार उन्हें व परिवार को फजीज़् प्रकरणों में फंसाने की धमकी दे रहा है। शिकायत वापस लेने का दबाव बना रहा है। वहीं टीआई विरेंद्र सिंह का कहना है कि आरोपों के संबंध में उन्हें जानकारी नहीं है। शिकायत की जांच का जिम्मा अधिकारियों को दिया गया है। जांच में सत्य सामने आ जाएगा।