भोपाल : मध्य प्रदेश में जिला सहकारी बैंकों में चुनाव नहीं होंगे| यहां अशासकीय प्रशासकों की नियुक्ति की तैयारी है| अपैक्स बैंक ने नियुक्ति के लिए जिले के सहकारिता नेताओं की सूची तैयार कर ली है। विधायकों से भी नाम मांगे गए हैं। इसमें स्थानीय नेताओं को एडजस्ट कर साधने की कोशिश की जा सकती है| सहकारी संस्थाओं के चुनाव दो साल से लंबित हैं। भाजपा ने इसको लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं| बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस अपने चेले चपेटों की बैकडोर पदों पर एंट्री करना चाहती है| कांग्रेस का एक मंत्र है लूटो-खसोटो ऐश करो।
सरकार 38 जिला सहकारी बैंकों में से तीस बैंकों में प्रशासक के रुप में अशासकीय लोगों की नियुक्ति करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक हर जिला बैंक के लिए नामों का पैनल तैयार किया जा रहा है। इस पैनल में से सर्वसम्मति के आधार पर जिला कोऑपरेटिव बैंक के प्रशासक के रुप में नियुक्ति कर दी जाएगी। सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह और अपैक्स बैंक के प्रशासक अशोक सिंह की इस सम्बन्ध में बैठक हो चुकी है| वहीं अन्य सहकारिता नेताओं से भी राय ली जा चुकी है।
इससे पहले चार जिला कोऑपरेटिव बैंक छिंदवाड़ा, बैतूल, भिंड और बालाघाट में पहले अशासकीय नियुक्तियां की जा चुकी हैं। इसके अलावा पन्ना,छतरपुर और सतना बैंकों में मामला न्यायालय में होने के कारण इनमें नियुक्तियां नहीं की जा सकती। वहीं सीहोर जिला कोऑपरेटिव बैंक की अध्यक्ष उषा सक्सेना हैं, जिनको सरकार नहीं हटाएगी क्योंकि उनके पति रमेश सक्सेना कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। इस तरह सरकार तीस जिला कोऑपरेटिव बैंकों में प्रशासक नियुक्त करेगी| बताया जा रहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों का इन्तजार कर रहे नेताओं का यहां एडजस्ट किया जा सकता है|
भाजपा ने उठाये सवाल
इसको लेकर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने निशाना साधा है| उन्होंने ट्वीट कर लिखा ‘मध्यप्रदेश में सहकारिता क्षेत्र फिर बर्बादी की राह पर। कांग्रेस नेताओं ने अपने चेले चपाटों को पठ्ठावाद के सिद्धांत का पालन करते हुए बैकडोर पदों पर बिठाना शुरू कर दिया। कांग्रेस का एक मंत्र है लूटो-खसोटो ऐश करो। भाजपा सतर्क है, सचेत है। हम इन्हें बख्शेंगे नहीं’।