भोपाल। भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल करने का लेकर राजभवन की सक्रिय हो गया है। भाजपा के ज्ञापन पर तत्पर संज्ञान लेते हुए राजभवन ने चुनाव आयोग से इस मामले में अभिमत मांगा है। हालांकि अभी आयोग की ओर से किसी तरह का जवाब राजभवन को नहीं मिला है। जवाब मिलते ही राजभवन प्रहलाद लोधी की सदस्यता मामले में हस्तक्षेप कर सकता है। संभावना जताई जा रही है कि शीतकालीन सत्र के पहले चुनाव आयोग का अभिमत आने पर राजभवन फैसला ले सकता है।
भाजपा ने राज्यपाल लालजी टंडन को ज्ञापन सौंपकर मामले में हस्तक्षेप की मांंग की है, राज्यपाल ने भी इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र भेजकर मामले की तकनीकी स्थिति पर अभिमत मांगा है। राजभवन अब आयोग के जवाब का इंतजार कर रहा है। आयोग का कहना है कि राज्यपाल का पत्र उसे मिल गया है, मामला विधिक परीक्षण के लिए भेजा गया है।
विशेषज्ञों से भी ली जा रही सलाह
आयोग को विधि विशेषज्ञों ने कुछ पुराने संदर्भों के साथ अपनी राय भी दी है जिसमें कहा गया है कि अंतत: आयोग का अभिमत ही मान्य रहेगा। बताया जा रहा है कि उत्तरप्रदेश में एक विधायक जो ठेकेदारी भी करते थे उसकी शिकायत के मामले में राज्यपाल ने लाभ के पद संबंधी आयोग के अभिमत को अंतिम माना था। इसी तरह दिल्ली में आप पार्टी के 14 विधायकों को किसी एक समिति में रखने की शिकायत पर भी आयोग का अभिमत ही अंतिम माना गया था।
कभी भी आ सकता है आयोग का अभिमत
प्रहलाद लोधी की सदस्यता मामले में चुनाव आयोग का अभिमत कभी आ सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि विधायक लोधी की सदस्यता को लेकर उपजे विवाद का पटाक्षेप विधानसभा के 17 दिसंबर से होने वाले शीतकालीन सत्र के पहले होने की संभावना है। राज्य की सियासत में सभी राजनीतिक दल बेसब्री से आयोग के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं।