भोपाल।
मध्य प्रदेश एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एसटीएफ ने प्लस गोल्ड यूनियन क्वाइन (पीजीयूसी) क्रिप्टाे करंसी के जरिए अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर धोखाधड़ी करने वाले आस्ट्रेलिया के नेटवर्क का बड़ा खुलासा किया है। यह कार्रवाई मप्र साइबर पुलिस के विशेष पुलिस महानिदेशक पुरुषोत्तम शर्मा और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक अवस्थी के निर्देश पर की गई है।खास बात तो ये है कि पुलिस ने जिस आरोपी को दिल्ली से गिरफ्तार किया है वह मध्यप्रदेश के शिवपुरी का रहने वाला है और काम के सिलसिले में आस्ट्रेलिया चला गया था जहां वह लोगों को पीजीयूजी से अपना शिकार बनाता था।
दरअसल, पीजीयूसी द्वारा ठगी किए जाने की खबरे प्रसारित होने के बाद आस्ट्रेलिया में रह रहे कई पीड़िता और भारतीयों ने एसटीएफ से संपर्क किया था और ठगी की जानकारी दी। हालांकि एसटीएफ पहले से ही आईपी एड्रेस के माध्यम से जानकारियों को जुटाने में जुटा हुआ था।इसी दौरान आस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय मूल के राजीव शर्मा ने एसटीएफ को इस तरह के गिरोह के आस्ट्रेलिया में फैले होने की जानकारी दी।जांच के दौरान भारत के विभिन्न क्षेत्रों से इसका संचालन करने वाले प्रमुख गिरोह के सहयोगी की समीक्षा करने पर हरप्रीत साहनी का नाम सामने आया।जो की आस्ट्रेलिया में रहकर इस पूरे खेल को संचालित कर रहा था।बीते पांच दिनों में इस गिरोह द्वारा करीब सौ लोगों को अपना शिकार बनाकर करोड़ों की ठगी की गई है।
मामला सामने आने के बाद आस्ट्रेलिया में भी पीड़ितों ने स्थानीय पुलिस और जांच एजेंसियों को इसकी सूचना दी है।जब इसकी सूचना साहनी को लगी तो वह एक देश से दूसरे देश मे जाकर छिपने लगा।इसी बीच एमपी की एसटीएफ टीम को खबर लगी कि साहनी भारत आ चुका है और राजस्थान-अमरावती के व्यापारियों के साथ मिलकर मुंबई में करीब 100 करोड़ की डील करने वाला है।इसके बाद उसकी योजना आबूधावी जाने की है। लेकिन इसके पहले ही एसटीएफ टीम अलर्ट हो गई और उन्होंने दिल्ली के एक होटल पहुंचकर आरोपी साहनी को गिरफ्तार कर लिया।ये गिरोह लोगों को फसाने के लिए विदेशी चेहरों को मोहरा बनाता था।फिलहाल साहनी को रिमांड पर भेजा गया है और पूछताछ की जा रही है। पुलिस की माने तो साहनी द्वारा खोले गए राज से बड़ा खुलासा हो सकता है।
शिवपुरी का रहने वाला है साहनी
खास बात ये है कि साहनी मध्यप्रदेश के शिवपुरी का रहने वाला है। वह साल 2008 में व्यापार करने के उद्देश्य से आस्ट्रेलिया चला गया था और वह सिक्योरिटी एजेंसी के लिए काम करने लगा।लेकिन बाद में भारत के जालसाजो के संपर्क में आने के बाद यह काम करने लगा।वह आस्ट्रेलिया में रहकर वहां का काम देखता था । इसके बाद उसने अर्तराष्ट्रीय स्तर पर काम शुरु कर दिया और आस्ट्रेलिया-मेलबर्न में 12 करोड़ की संपत्ति खरीद ली।इसके बाद उसने २२ देशों कोलंबिया, हांगकांग, जापान , सिंगापुर, पाकिस्तान, पौलेंड, फिलिस्तीन,रुस, सिंगापुर, स्वीजरलैंड, इग्लैंड , तुर्की और अमेरिका में भी अपना जाल फैलाना शुरु कर दिया।पीयूसीजी सर्वर डाटा का विष्लेषण करने के बाद करीब 22 देशों और 78 शहरों का आईपी रजिस्ट्रेशन सामने आया ।