भोपाल| मध्य प्रदेश में 13 साल मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश सहित देश भर में सबसे ज्यादा चुनावी रैलियां करने वाले नेता माने जाते हैं| विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव अब तक शिवराज कई राज्यों में बतौर स्टार प्रचारक चुनावी सभाएं करते रहे हैं| लेकिन अब शिवराज को एक बड़ा झटका लगा है| भाजपा ने झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की है। जिसमे पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत भाजपा के कई बड़े नेता शामिल हैं। लेकिन प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को शामिल नहीं किया गया है। इसको लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं और राष्ट्रीय नेतृत्व के इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं|
विधानसभा चुनाव में हार के बाद भाजपा की सत्ता से 15 साल बाद विदाई हुई है, जिसके बाद लम्बे समय तक सीएम रहे शिवराज सिंह चौहान की नई भूमिका को लेकर कई तरह की चर्चा थी| इस बीच उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया| इससे समझा जा रहा था कि शिवराज का कद बढ़ा है और अब वे केंद्रीय राजनीति में सक्रिय रहेंगे| लेकिन उन्हें दिल्ली भेजने वाले नेताओं की कोशिशें काम नहीं आई| शिवराज पहले की समान प्रदेश में ही सक्रिय रहे और सरकार को हर मुद्दे पर घेरते रहे| इस बीच शिवराज सिंह चौहान को सदस्यता अभियान समिति का प्रभारी बनाया गया, जिसके बाद उन्होंने देश भर का दौरा किया था। लेकिन झारखंड चुनाव के पहले चरण में उन्हें शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा राजस्थान और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और वसुंधरा राजे को भी इस सूची में शामिल नहीं किया गया है| तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को यूँ नजरअंदाज करना चर्चा का विषय बना हुआ है|
झारखंड चुनाव में पहले चरण के लिए 13 सीटों के लिए 30 नवंबर को वोटिंग होगी। शिवराज सिंह चौहान को स्टार प्रचारक नहीं बनाए जाने पर सिय़ासी गलियारों में अटकलों का दौर भी शुरू हो गया है। वहीं शिवराज के साथ ही प्रदेश के किसी भी नेता को भी स्टार प्रचारक की सूची में शामिल नहीं किया गया है| शिवराज सिंह चौहान पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, भाजपा संसदीय बोर्ड के सदस्य भी हैं, उसके बाद भी उन्हें स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल नहीं किया जाना उनके समर्थकों को भी रास नहीं आ रहा है, आखिर राष्ट्रीय नेतृत्व के इस फैसले के क्या मायने हो सकते हैं|