भोपाल। प्रदेश सरकार अब शिक्षित बेरोजगारों से खेती कराने की तैयारी में है। इसके लिए बाकायदा बेराजगारों को खेती के लिए जमीन लीज पर दी जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। नई नीति आने के बाद बेरोजगार सरकारी जमीन पर फल एवं फूलों की खेती कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऐसी शासकीय भूमि चिन्हित की जाए, जहाँ पानी की व्यवस्था हो। इस भूमि पर संरक्षित खेती जैसे फूल-फल, सब्जी तथा एक्जोटिक फसलों ऑर्नामेंटल नर्सरी नर्सरी के साथ ही टीशू कल्चर आदि विकसित किए जाए। उन्होंने कहा कि यह भूमि शिक्षित बेरोजगारों को दी जाए, जिससे वे इसके जरिए अपने लिए रोजगार के साधन विकसित कर सकें। इसके लिए शिक्षित बेरोजगारों को उद्यानिकी फसलों के लिए भूमि के उपयोग का अधिकार देने संबंधी नई नीति शीघ्र बनाने के निर्देश दिए है।
एक से लेकर ढाई एकड़ के प्लॉट मिलेंगे
प्रदेश में मुख्यमंत्री बागवानी खाद्य प्रसंस्करण योजना के जरिए आर्किड पार्क स्थापित किए जाएंगे। फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए पढ़े-लिखे नौजवानों को औद्योगिक विकास केन्द्र के माध्यम से एक से लेकर ढाई एकड़ तक की भूमि के विकसित प्लॉट आवंटित किए जाएंगे। इनमें सड़क, बिजली, पानी आदि की व्यवस्था भी शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।
अनुदान भी देगी सरकार
सूत्रों के मुताबिक फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए सरकार ने प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को इससे जोडऩे का मन बनाया है। सरकार युवाओं को जमीन देकर वहां फूलों की खेती करवाएगी। एक से ढाई एकड़ जमीन लीज पर दी जाएगी। एक एकड़ जमीन के 5 लाख रुपए देना होंगे। इससे युवाओं को तो रोजगार मिलेगा ही प्रदेश भी उद्यानिकी और फ्लोरीकल्चर के क्षेत्र में आगे बढ़ सकेगा। इस योजना पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जल्द ही शुरू किया जा सकता है, इसके बाद में यह योजना प्रदेश भर में भी लागू की जाएगी। इसमें सरकार फूलों की खेती में मददगार पॉली हाउस, ग्रीन हाउस और स्पिं्रक्लर सहित अन्य उपकरणों के लिए अनुदान भी देगी| वहीं युवाओं को इसके बाद भी खेती के लिए बैंक से कर्ज की जरूरत पड़ती है तो सरकार इसमें भी मदद करेगी।