भोपाल। खान आशु।
बरसों से सियासी हाथों में झूले खा रहे बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद को अब एक अदालती फैसला मिलने वाला है। इसी माह में किसी भी दिन सार्वजनिक हो जाने की उम्मीद वाले इस फैसले को लेकर खौफ, डर, संशय और अस्थिरता के मिलेजुले हालात लहराने लगे हैं। फैसला जो भी हो, हालात पर काबू किया जाना मुश्किल होगा, की बातों के बीच आपसी सदभाव, भाईचारे और एकता को सहेजने वालों ने भी मोर्चा संभाल लिया है। प्रशासनिक तैयारियों के बीच दोनों धर्मों की तरफ से अमन और शांति के लिए अपीलें सुनाई देने लगी हैं।
शहर काज़ी ने की काबू में रहने की अपील
काजी-ए-शहर सैयद मुशतक अली नदवी ने शहर, प्रदेश और देश के लोगों से अपील की है कि हर हाल में अपने जज्बातों पर काबू रखें। कोई फैसला किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं होता। उन्होंने कहा कि इस देश और खासकर शहर-ए-भोपाल की गंगा-जमुनी रिवायत रही है, इस रस्म को बरकरार रखने के लिए सबको मिलीजुली कोशिश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंदिर, मस्जिद और किसी भी मजहब के इबादतगाह काबिल-ए-अहतराम और सम्मान करने लायक होते हैं। सभी मजहब के लोगों को एक-दूसरे के अकीदे, आस्थाओं और भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए। उन्होंने फैसला आने से पहले और उसके बाद भी सबसे अमन, सुकून और आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की है।
अकील बोले भोपाल अमन का टापू
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने कहा कि मप्र शांति और अमन का टापू है। यहां किसी तरह के कौमी फसाद का दाग कभी नहीं रहा। उन्होंने कहा कि फैसले के मद्देनजर प्रशासन ने अहतियाती कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। सभी को इन बंदिशों और प्रतिबंधों का पालन करना चाहिए। कोई भी ऐसा काम न किया जाए, जिससे किसी दूसरे धर्म, समाज और मजहब की भावनाएं आहत हों। अकील ने सभी शहरवासियों से अपील की है कि वे अदालत के फैसले का आदर करें और हर हाल में अपनी गंगा-जमुनी तेहजीब को बरकरार रखकर शहर को एक नई ऊंचाई और पहचान के साथ खड़ा होने की तहरीर लिखें।
राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष नियाज मोहम्मद खान का कहना है कि प्रदेश के अलग-अलग शहरों में लोगों से मुलाकात, सेमीनार और संगोष्ठियों के जरिये इस बात की जागरुकता लाई जा रही है कि समाज में संसार में अलग-अलग घटनाक्रम होते रहे हैं, हो रहे हैं और आगे भी होते रहेंगे। किसी भी हालात में इंसानियत का दामन न छोड़ा जाए, एक-दूसरे से हमदर्दी और मुहब्बत का रिश्ता कायम रखा जाए।
भाईचारे का शहर है भोपाल
भोपाल मध्य विधायक आरिफ मसूद का मानना है कि सर्वधर्म समागम की मिसाल है हमारा देश हिन्दुस्तान। सदियों पुरानी परंपरा में यहां हर इंसान एक-दूसरे की खुशियों में शरीक होता आया है। गंगा-जमुनी तेहजीब के संस्कारों वाले इस शहर में मजहब के नाम पर कभी कोई मतभेद नहीं रहे। ऐसे दौर में भी जब, सारी दुनिया कौमी फसादात से जल रही थी, उस समय में भी शहर-ए-भोपाल अपने भाईचारे और एकता, अमन, शांति के संदेश से लोगों को अपनी खासियत दिखा रहा था। उन्होंने कहा कि उनका विधानसभा पहुंचना भी इस मायने में धार्मिक एकता की बड़ी मिसाल कहा जा सकता है कि उनके विधानसभा क्षेत्र में दोनों मजहब के लोग बराबरी से मौजूद हैं और उन्हेंं जीत का सेहरा पहनाने के लिए दोनों ने ही बढ़चढ़कर मदद की है। मसूद ने सभी शहरवासियों से फैसले के मद्देनजर अपनी रिवायत और खायिसत को कुर्बान न करने की अपील की है।
मप्र कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ अध्यक्ष एडवोकेट मुजीब कुरैशी ने कहा कि सभी धर्म, समाज, महजब और भावनाओं से ऊंचा है यह देश। हमें हर हालत इस देश की अस्मिता और रिवायत को बचाए रखना है। इसी धारणा को लेकर हम सारे प्रदेश में इस बात की बैठकें ले रहे हैं कि किसी भी हालत में देश और प्रदेश की अमन-ओ-अमान की सूरत को दाग न लगे और यह भाईचारे, दोस्ती, एकता के रिश्ते हमेंशा मजबूत बने रहें।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव मोहम्मद सलीम का कहना है कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पूरे हालात और स्थितियों पर नजर रखे हुए है। किसी भी हालत में प्रदेश के अमन और शांति को खतरा नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार सभी धर्मों का समान सम्मान करती है, किसी के हितों को प्रभावित होने के हालात नहीं बनेंगे। सब हमेशा की तरह मिलजुलकर खुशहाल रहें, यही हमारी सरकार की मंशा है।