भोपाल। सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में राजनेता क्या ना कर बैठें। ऐसा ही एक मामला गुरुवार को देखने को मिला जब इंदौर में एक दुष्कर्म पीड़िता बच्ची के मकान आवंटन मामले पर भाजपा और कांग्रेस में जमकर सियासत हुई। दरअसल, भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि शिवराज सिंह चौहान के समय इस बच्ची को इंदौर विकास प्राधिकरण का एक फ्लैट आवंटित किया गया था जो कमलनाथ सरकार के समय वापस ले लिया गया।
इसी मुद्दे पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने थोड़ी देर बाद एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें इंदौर विकास प्राधिकरण के एक आदेश का भी उल्लेख था और उसमें उस बच्ची को फ्लैट आवंटन के बारे में उल्लेखित किया गया था। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्चे को फ्लैट आवंटन के लिए निर्देश दिए थे। इसके बाद इंदौर विकास प्राधिकरण ने यह फ्लैट आवंटित किया है। फ्लैट आवंटन के आदेश में बच्चे और उसके माता-पिता का नाम तो नहीं दिया गया था लेकिन फ्लैट का नंबर जरूर बताया गया जो यह बताता है कि इससे बच्ची की पहचान छुपी नहीं रहेगी और सार्वजनिक हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट का साफ कहना है कि किसी भी स्थिति में दुष्कर्म पीड़िता की पहचान उजागर नहीं होनी चाहिए। अब इस मुद्दे पर बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस का यह चेहरा बताता है कि उसे संवेदनशील मुद्दों को भी कैश कराने की पड़ी रहती है और इतने गंभीर मामले पर सरकार का यह आचरण बेहद शर्म नाक है।