भोपाल। मध्य प्रदेश में बीजेपी के बागी विधायकों को पार्टी की तरफ से ‘संजीवनी’ मिलती दिख रही है। अभी तक क्रास वोटिंग मामले में बीजेपी ने विधायक नारायण त्रिपाठी और शरद कोल पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दोनों विधायकों पर शीत सत्र तक पार्टी कोई एक्शन नहीं लेगी।
मीडिया रिपोर्ट में बीजेपी नेता के हवाले से कहा गया है कि पार्टी शीत सत्र के इंतजार में है। बीजेपी नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि हम इस बात के इंतज़ार में हैं कि दोनों विधायक अगल सत्र में क्या करेंगे जब पार्टी की ओर से विहिप जारी किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि पार्टी हाईकमांड ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
दूसरी ओर कांग्रेस ने कहा है कि पार्टी की ओर से कभी विधायकों को किसी भी तरह से लालच या संपर्क नहीं किया गया है। पार्टी में जो आना चाहता है उसके लिए दरवाजे खुले हैं। हालांकि, पार्टी के अंदर बागी विधायकों के आने से कुछ नेता खफा भी बताए जा रहे हैं। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी बागियों के पार्टी में आने से चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि बागियों के आने से पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल कम होगा।
गौरतलब है कि विधानसभा सत्र के अंतिम दिन बीजेपी के मैहर ये विधायक नारायण त्रिपाठी और ब्योहारी से विधायक शरद कोल ने दंड विधि विधेयक के समय कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग की थी। जिसके बाद सदन में हंगामा हो गया था। बीजेपी नेताओं को बड़ा झटका लगा था। 24 जुलाई को ही कांग्रेस सरकार को गिरान का दावा नेता प्रतिपक्ष ने किया था। लेकिन शाम तक उनके विधायकों द्वारा पाला बदलने से तगड़ा झटका लगा था। अगर बीजेपी के यह दो विधायक कम होते हैं तो फिर सदन में पार्टी की संख्या 106 रह जाएगी। वहीं, कांग्रेस को लगातार मजबूती मिल रही है। वर्तमान में कांग्रेस के पास 121 विधायकों का समर्थन है। जबकि, सरकार बनाने के लिए 230 में से 116 सीटों पर बहुमत है।