भोपाल। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के मोदी सरकार के फैसले का अब बागी बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भी समर्थन किया है। त्रिपाठी ने ट्वीटर के माध्यम से गृहमंत्री अमित शाह को बधाई देते हुए उनकी तारीफ की है। त्रिपाठी ने 370 को हटाना सरकार का ऐतिहासिक फैसला बताया है। वही त्रिपाठी के ट्वीट के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है, चुकी बीते दिनों ही त्रिपाठी ने बीजेपी से नाराज होकर विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान कमलनाथ सरकार का समर्थन किया था।
दरअसल, मोदी सरकार द्वारा 370 हटाए जाने के बाद देशभर से समर्थन मिल रहा है। विपक्ष के कई नेता भी खुलकर मोदी का समर्थन कर रहे है। हाल ही में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और चाचौड़ा से कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने समर्थन किया था। अब बीते दिनों विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान कांग्रेस का समर्थन करने वाले बीजेपी के बाग��� विधायक नारायण त्रिपाठी ने समर्थन किया है और ट्वीटर के माध्यम से गृहमंत्री को बधाई दी है।
���ेश हित में ऐसे कठिन फैसले शाह ही कर सकते हैं
त्रिपाठी ने ट्वीट कर अमित शाह की तारीफ भी की है| उन्होंने लिखा है कि ”देश के गृहमंत्री अमित शाह को बधाई । धारा 370 को कश्मीर से हटाये जाना ऐतिहासिक फैसला है। देश हित में ऐसे कठिन फैसले अमित शाह जी ही ले सकते है। आज उनके इस ऐतिहासिक फैसले को पूरा देश सराखो में बिठा कर स्वविकार कर रहा है बहुत बहुत बधाई।”
बता दे कि हाल ही में खत्म हुए विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान त्रिपाठी ने बागी होकर आपराधिक कानून (संशोधन) बिल पर सरकार के पक्ष में मतदान कर सबकों चौंका दिया था। त्रिपाठी की इस बगावत के बाद भाजपा में भोपाल से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया था। विधायक को मनाने की कोशिश की गई लेकिन कोई हल नही निकला।अभी ये मामला ठंडा ही हुआ था कि अब उन्होंने मोदी सरकार के धारा 370 के फैसले पर समर्थन पर सियासत गर्मा दी है। उनके यूं ट्वीटर के माध्यम से बधाई देने और समर्थन करने के बाद कयास लगाए जा रहे है कि त्रिपाठी वापस बीजेपी की ओर रुख कर सकते है, हालांकि त्रिपाठी की कांग्रेस में शामिल होने की अटकले भी तेज है। बीते दिनों उन्होंने इस बात के संकेत भी दिए थे।अगर ऐसा होता तो ब्यौहारी विधानसभा में उपचुनाव होना निश्चित है।
पहले कांग्रेस में ही थे नारायण त्रिपाठी
नारायण त्रिपाठी वर्ष 2003 में समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़कर पहली विधायक बने थे। इसके बाद वे सपा छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था और वर्ष 2013 के उपचुनाव में जीत हासिल की।इसी बीच वे दोबारा पार्टी बदलते हुए भाजपा में शामिल हो गए और वर्ष 2018 के उपचुनाव में जीत हासिल की। इसके बाद मप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा से चुनाव लड़कर नारायण त्रिपाठी दोबारा विधायक बने। मप्र में कमलनाथ की सरकार बनने के बाद लगातार चर्चा थी कि विधायक नारायण त्रिपाठी भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो सकते है और आखिरकार वे कांग्रेस में शामिल हो गए।