भोपाल। लोकसभा चुनाव में मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर चुनाव ड्यूटी निरस्त कराने वालों को नौकरी से बाहर करने की तैयारी है। भोपाल कलेक्टर सुदाम खाडे ने 14 अधिकारी-कर्मचारियों को सेवा से पृथक करने आठ विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजे हैं। जिसमें लिखा है कि सभी अधिकारी-कर्मचारी किसी न किसी बीमारी से पीडि़त होकर निर्वाचन ड्यूटी करने में असमर्थ हैं। इससे साबित होता है कि वे अन्य शासकीय कार्य भी करने में सक्षम नहीं हैं। कलेक्टर के इस पत्र से अधिकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है|
बताया गया है कि सामान्य प्रशासन विभाग ने आठ नवंबर 2017 के पत्र में स्पष्ट कहा है कि 50 या 20 साल की सेवा पूरी करने वाले शासकीय सेवकों के अभिलेखों की छानबीन कर उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है। कलेक्टर ने इस पत्र के आधार पर इन सभी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की करने और इसकी जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय को देने के निर्देश दिए हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान आठ विभागों के 14 अधिकारियों की चुनाव ड्यूटी जिला निर्वाचन कार्यालय ने मेडीकल बोर्ड के प्रमाण पत्र के आधार पर मतदान से पहले निरस्त की थी। रिपोर्ट में इन अधिकारियों अनफिट पाया गया था। वहीं कलेक्टर के इस फरमान से कर्मचारी संगठन भी नाराज हो गया है | मंत्रालनीय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने कहा कि शासकीय कर्मचारी संघ, मप्र अधिकारी कर्मचारी अध्यक्षीय मंडल जल्द ही इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ को ज्ञापन सौंपेगा।