भोपाल।
शिव ‘राज’ में हुए पौधारोपण घोटाले को लेकर प्रदेश की कमलनाथ सरकार को बड़ा झटका लगा है।वन विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व वन मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार के खिलाफ ईओडब्ल्यू से जांच कराने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रस्ताव भेजा है। उन्होंने लिखा है कि दोनों के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं हैं, इसलिए उनके खिलाफ जांच की सिफारिश नहीं की जा सकती।
हैरानी की बात तो ये है कि सत्ता में आने के बाद इसी पौधारोपण घोटाले को लेकर कांग्रेस सरकार शिवराज सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में थी।बीते साल हुए विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने नर्मदा पदयात्रा निकाली थी । यहां तक की कंप्यूटर बाबा मंत्री ने भी बडा खुलासा करने की बात कही थी, वन मंत्री उमंग सिंघार ने भी बड़ा घोटाला उजागर करने की बात कही थी लेकिन उन्ही के विभाग ने EOW से जांच कराने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के खिलाफ जांच के मामले में फाइल में लिखा गया है कि पौधारोपण से जुड़ी नोटशीट पर पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व वनमंत्री के हस्ताक्षर नहीं हैं।
विभाग के इस कदम के बाद सरकार में हड़कंप मच गया है वही कांग्रेस में भी हलचल मच गई है। हालांकि गृह मंत्री बाला बच्चन का कहना है कि किसी अफसर के लिखने से कुछ नहीं होता है, बल्कि मामले में फैसला सीएम कमल नाथ लेंगे।
बता दे कि प्रदेश में दो जुलाई 2017 को विशेष अभियान चलाकर एक साथ सात करोड़ पौधे रोपने का दावा किया गया था। इस पौधारोपण अभियान को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और सरकार बनने पर जांच कर कार्रवाई करने की बात कही थी। खुद वन मंत्री उमंग सिंघार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया था कि 499 करोड़ का घोटाला किया गया है। इस मामले में सिंघार ने कई अफसरों पर कार्यवाही भी की थी। लेकिन जांच शुरू होने से पहले ही वन विभाग के अपर मुख्य सचिव एपी श्रीवास्तव ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व वनमंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के खिलाफ ईओडब्ल्यू से जांच करवाने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। विभाग के एसीएस की नोटशीट में कांग्रेस के मिशन पर पानी फेर दिया है।