भोपाल। एमपी एमएलए के मामलों की सुनवाई के लिए गठित विशेष अदालत के विशेष न्यायाधीश सुरेश सिंह ने करैरा कस्बा शिवपुरी में प्रदर्शन के दौरान करैरा थाना के तत्कालीन थाना प्रभारी के साथ मारपीट करने , कत्ले आम की धमकी देने , पुलिस थाने में आगजनी करने के लिए उकसाने और बलवा करने के मामले में कांग्रेस की पूर्व विधायक शकुंतला खटीक सहित सात आरोपियों को 3 साल के सश्रम कारावास और 35 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।
अभियोजन के अनुसार 8 जून 2017 को मंदसौर में हुए किसान आंदोलन के गोलीकांड के विरोध में कांग्रेस की तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक के नेत्त्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा करैरा कस्बा में प्रदर्शन कर तत्कालीन मुखय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला दहन किया जा रहा था , इसी दौरान पुलिस बल ने अनियंत्रित भीड़ को नियंत्रण में करने के लिए वज्र वाहन से पानी की बौछार शुरू करा दी।, इससे उत्तेजित होकर विधायक ने वहां उपस्थित भीड़ को उकसाते हुए कहा कि थाने में आग लगा दो, जो होगा देखा जाएगा। करैरा पुलिस थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी संजीव तिवारी ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो तत्कालीन विधायक शकुंतला खटीक और उनके समर्थकों ने तत्कालीन थाना प्रभारी संजीव तिवारी के साथ अभद्र शब्दों का उपयोग करते हुए घूंसे और चप्पल से मारपीट की थी। इस मामले में पुलिस ने शकुंतला खटीक सहित 7 कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ बलवा , आगजनी करने के लिए आमजन को उकसाने , शासकीय कार्य में बाधा डालने सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया था।