मंत्रालय के बाबू ने चपरासी के साथ की जालसाजी, एफआईआर दर्ज

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भोपाल। मंत्रालय के बाबू ने एक चपरासी के साथ में जालसाजी कर उसके मकान को हड़पने का प्रयास किया। फरियादी ने इस मामले में सीएम हेल्पलाइन में शिकायत की थी। जहां से जांच के आदेश के बाद भी पुलिस ने मामले को रफा-दफा कर दिया था। इसके बाद में पीडि़त ने कोर्ट में आरोपी के खिलाफ प्रायवेट इस्तेखासा दायर किया। कोर्ट के आदेश पर बीती रात पुलिस ने धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। 

रातीबढ़ पुलिस के अनुसार किशोर पाटीदार पिता लाल सिंह पाटीदार (55) निवासी विशाल नगर नीलबढ़ वल्लभ भवन में चपरासी हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपी द्वारका प्रसाद गुप्ता निवासी सरकारी आवास कोटरा सुल्तानाबाद उनका पूर्व परिचित है और मंत्रालय में बाबू है। वर्ष 2012 से 2014 तक दोनों मंत्रालय में एक ही विभाग में पदस्थ रहे हैं। वर्ष 2014 में फरियादी को अपनी बेटी की शादी के लिए कुछ रकम की जरूरत थी। तब किशोर ने आरोपी द्वारका से करीब चार लाख रूपए ब्याज पर लिए थे। रकम को लोन की शक्ल में किश्तो में लौटाने की बात दोनों के बीच में तय हुई थी। सिक्युरिटी के तौर पर आरोपी ने किशोर से दो ब्लैंक चेक लिए और एक कोरे स्टाम्प पर उससे साइन करा लिए। वर्ष 2017 तक किशोर ने द्वारका को कई किश्तों में मय ब्याज के पूरी रकम लौटा दी। तब आरोपी ने उससे ब्याज चढऩे का हवाला देते हुए साढ़े पांच लाख रूपए ओर देने की बात कही। फरियादी ने पूरी रकम को लौटनेे की बात कहते हुए अधिक रकम देने से इनकार कर दिया। दोनेां के बीच में मन मुटाव हुआ। हालांकि कुछ समय बाद में दोनेां के बीच में रजीनामा हो गया। फरियादी के कुछ ओर रकम देकर उनके चेक लौटाने की बात आरोपी से कही। आरोपी ने एक चेक को लौटा दिया। एक के संबंध में बताया कि चेक गुम हो चुका है। कुछ समय बाद में आरोपी ने उक्त चेक को बाउंस कराकर फरियादी पर कोर्ट में केस लगा दिया। इसी बीच उसने ब्लैक स्टाम्प पर लिखा कि किशोर ने उसकी उधारी की रकम को नहीं लौटाया है। अब किशोर द्वारका से साढ़े पांच लाख रूपए और केश लेंगे तथा मकान की रजिस्ट्री द्वारका के नाम कर देंगे। जबकि मकान की वर्तमान कीमत 28 लाख रूपए है। इस बात की शिकायत पीडि़त ने सीएम हेल्पलाइन पर की। वहां से जांच के आदेश के बाद में पुलिस ने जांच शुरू की और कुछ ही दिनों में मामला रफा दफा कर दिया। यह पूरा घटनाक्रम वर्ष 2017 का है। इसके बाद में फरियादी ने कोर्ट में लड़ाई लड़ी और न्यायालय के आरोपी के खिलाफ एफआईआर के आदेश किए गए।।


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