भोपाल। मध्य प्रदेश को लगातार बीते कई सालों से कृषि कर्मण अवार्ड मिल रहा है। लेकिन अब ऐसे अफसरों की शामत आने वाली है जिन्होंने इस अवार्ड के लिए फर्जी आंकड़े पेश किए हैं। प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि अवार्ड के लिए फर्जी आंकड़े जुटाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं उन्होंने पूर्व सरकार पर झूठे आंकड़े पेश करने का आरोप भी लगाया है।
मीडिया से चर्चा के दौरान कृषि मंत्री यादव ने कहा कि पूर्व सरकार ने किसानों के साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार ने अपनी प्रसिद्धि और ऋण माफी के नाम पर सिर्फ ढोला पिटा है। देशभर में मप्र की कृषि विकास दर 20 से 24 प्रतिशत बताई गई लेकिन सरकार बदलने पर हकीकत सामने आई। 2013-14 में माइनस 1.9 प्रतिशत, 14-15 में 1.3 प्रतिशत, 15-16 में माइनस 4.1 एवं 16-17 में 0.1 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि किसान आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो गया, यही कारण है कि किसानों की आत्महत्या में प्रदेश अव्वल रहा। उन्होंने बताया कि फर्जी आंकड़े देकर कृषि कर्मण अवार्ड लिए गए इसकी जांच की जा रही है दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने आरोप लगाया कि शिवराज सरकार ने 2017-18 व 2018-19 के लिए फसल बीमा का 2301 करोड़ रुपए का राज्यांश बीमा कंपनियों का जमा नहीं किया इसलिए हमें फसल बीमा 2019 का केंद्र सरकार अपना हिस्सा नहीं दे रही जबकि इस साल खरीफ के राज्यांश 509.60 करोड़ रुपए हम बीमा कंपनियों को दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि अतिवर्षा से मप्र में 60 लाख हेक्टेयर की फसलें चौपट हो गईं। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री-गृहमंत्री से मुलाकात की। बिहार और कर्नाटक को राशि दे दी लेकिन प्रदेश को 6600 करोड़ की राशि नहीं मिली।