भोपाल। देश की 17 वीं लोकसभा के लिए चुनाव संपन्न हो चुके हैं। प्रदेश में अंतिम चरण के लिए रविवार को आठ लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई। इन सभी आठ सीटों पर 2014 के मुकाबले मततदान प्रतिशत बढ़ा है। कहा जाता है बढ़ा हुआ मतप्रतिशत वर्तमान सरकार के खिलाफ होता है। लेकिन जिन आठ सीटों पर मतदान हुआ है उन पर प्रदेश में बीते तीन लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ रहा है। जिसका सीधा फायदा बीजेपी को मिला है। सिर्फ 2009 में कुछ सीटों पर कांग्रेस ने बाज़ी मारी थी। उसके बाद 2014 में तो मोदी सुनामी में बीजेपी ने प्रदेश की 29 में से 27 सीटों पर फतह हासिल की थी।
रविवार को मध्य प्रदेश की आठ लोकसभा सीटों के लिए मतदान समाप्त होने तक लगभग 75.11 प्रतिशत मतदान हुआ था। देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन और खंडवा आठ लोकसभा सीटें थीं जो राज्य में आम चुनाव के चौथे और अंतिम चरण में मतदान किया गया। इन सीटों पर पूर्व के मुकाबले पांच से आठ फीसदी तक इस बार मतदान फीसदी बढ़ा है। देवास में तो वोटिंग 79 फीसदी के आस पास रही है। जानकारों का कहना है कि जब भी मतदान प्रतिशत में बढ़ोत्तरी होती है तो इसे वर्तमान सरकार के खिला सत्ता विरोधी लहर माना जाता है। लेकिन 2019 के चुनाव में मोदी लहर नहीं होने के बाद भी सत्ता विरोधी लहर का प्रभाव कम था। 2009 में कांग्रेस को मंदसौर, खंडवा लकोसभा सीट पर जीत मिली थी। लेकिन मोदी लहर ने कांग्रेस के सभी गढ़ ध्वस्त कर दिए थे।