मप्र में विशेषज्ञ डॉक्टरों के 25 फीसदी पदों पर सीधी भर्ती की तैयारी

भोपाल। प्रदेश में लंबे समय से डॉक्टरों का टोटा चल रहा है। सरकार की पुरजोर कोशिश के बाद भी डॉक्टर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में विशेषज्ञ डॉक्टरों खाली पड़े ढाई हजार करीब पदों में से 25 फीसदी पर सीधी भर्ती होगी।  इस संबंध में स्वास्थ्य संचालनालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा है। इस पर अगले महीने निर्णय होने की उम्मीद है। 

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों के काफी पद खाली पड़े हैं। अभी पोस्ट ग्रेज्युएट मेडिकल ऑफिसर (पीजीएमओ) को पदोन्नत कर विशेषज्ञ बनाने का नियम है। फिलहाल 1287 पीजीएमओ काम कर रहे हैं, जिन्हें पदोन्नत किया जाना है। विशेषज्ञों के 2738 पद खाली हैं। ऐसे में सभी पीजीएमओ को एक साथ पदोन्न्त कर दिया जाए तो भी विशेषज्ञ के पद नहीं भरे जा सकते। ऐसे में विशेषज्ञों के सभी पद भरने के लिए सरकार के पास सीधी भर्ती के अलावा कोई विकल्प नहीं है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सिविल अस्पताल व जिला अस्पतालों में बड़ी बीमारियों के इलाज की जिम्मेदारी विशेषज्ञों की होती है। हालत यह है कि सीएचसी में कहीं एक तो कहीं दो विशेषज्ञ हैं। प्रदेश की 334 सीएचसी में करीब 10 ही ऐसी हैं, जहां सभी विषय के विशेषज्ञ हैं। जहां सिर्फ एक-दो विशेषज्ञ हैं, वहां सर्जरी नहीं हो सकती। विशेषज्ञों की कमी के चलते सीजर डिलीवरी भी ज्यादातर सीएचसी व कुछ जिला अस्पताल में नहीं हो पा रही है।


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