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कमलनाथ कैबिनेट की बैठक में लिए गए कई बड़े निर्णय, यहां विस्तार से पढ़िए

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भोपाल| आचार संहिता हटने के बाद सरकार एक्शन मोड में आ गई है|  विभागों में कामकाज को लेकर हलचत तेज हो गई है।  मुख्यमंत्री कमलनाथ की अध्यक्षता में सोमवार देर शाम हुई कैबिनेट की बैठक में सभी कामकाजों की समीक्षक के साथ कई बड़े निर्णय लिए गए| बैठक में रेत खनन नीति में बदलाव के प्रमुख प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है| नई रेत खनन नीति के तहत इसमें पंचायतों से रेत खनन के अधिकार वापस लेते हुए खदानों को समूह में नीलाम करने का प्रावधान है। इससे सरकार को सालाना 900 करोड़ रुपए राजस्व मिलने की उम्मीद है। 

कैबिनेट की बैठक के बाद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि रेत खदानों को पंचायतों से लेकर खनिज विकास निगम ऑनलाइन नीलाम करेगा। इसमें खदानों का समूह बनाकर नीलामी की जाएगी। खदानें दो साल के लिए दी जाएंगी और दूसरे साल राशि में 20 फीसदी की वृद्धि होगी। नर्मदा नदी पर स्थित खदानों में मशीनों से उत्खनन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा। ई-नीलामी से खदानें नीलाम होने से पारदर्शिता भी कायम रहेगी। नर्मदा नदी में रेत का उत्खनन मशीनों से नहीं किया जायेगा। अन्य नदियों में रेत खनन में मशीनों उपयोग करने की अनुमति पर्यावरण की स्वीकृति के आधार पर दी जा सकेगी। उन्होंने बताया कि पंचायतों को स्वयं के द्वारा कराये जा रहे शासकीय/सार्वजनिक कार्यों में रेत की आपूर्ति वैध खदानों से की जायेगी। पंचायतों द्वारा ऐसे कार्यों के लिए चुकाई गई रॉयल्टी राशि विभाग द्वारा लौटाई जायेगी। पंचायतों द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्य, जो ठेके पर दिये गये हैं, उन पर रॉयल्टी से छूट नहीं दी जायेगी।  रेत के दाम न बढ़ें, इस पर नजर रखी जाएगी। सरकारी कामों के लिए रेत नि:शुल्क मिलेगी। किसान, ग्रामीण, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के व्यक्तियों को व्यक्तिगत कामों के लिए सालभर में दस घनमीटर रेत नि:शुल्क मिलेगी। पंचायतों को अभी तक 50 रुपए घनमीटर रॉयल्टी मिल रही थी। इसे 25 रुपए प्रति घनमीटर बढ़ा दिया है। खेत खदान से रेत का खनन नहीं होगा। सतह पर जो रेत होगी, उसका उपयोग भूस्वामी कर सकेगा।  

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