भोपाल। प्रदेश में सत्ता से बेदखल होते ही भाजपा में बिखराव के हालात बन गए हैं। नेताओं के बीच समन्वय की कमी साफ झलक रही है। जिससे कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में है। हालात यह है कि दूर-दराज से आने वाले पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को भी प्रदेश कार्यालय से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। उनकी सुनने के लिए कार्यालय में कोई जिम्मेदारी पदाधिकारी मौजूद नहीं है। सिर्फ कार्यालय मंत्री सत्येन्द्र भूषण सिंह यह जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
प्रदेश में सरकार के रहते सभी पदाधिकारी सक्रिय भूमिका में थे, लेकिन अब बैठकों तक सीमित हो गए हैं। जिसकी वजह यह है कि प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह की ओर से पार्टी नेताओं को चुनाव में कोई जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई है। जिसकी वजह से पदाधिकारी चुनाव के दौरान हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। वही दूसरी ओर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश भाजपा के नेताओं से खाली समय में पार्टी कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने को कहा है। लेकिन नेताओं की इसमें भी रुचि नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष से लेकर अन्य नेता कार्यालय में बंद कमरे में ही बैठक करते रहते हैं, जबकि आम कार्यकर्ता उनके बाहर आने का इंतजार में बैठा रहता है।