भोपाल।
मध्यप्रदेश में गांधीजी को लेकर हो रही सियासत के बीच शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है।विभाग द्वारा 10वीं के छात्रों के लिए तैयार की गई मॉड्यूल बुक में गांधीजी को ‘कुबुद्धि’ बताया गया है।हैरानी की बात तो ये है कि मॉड्यूल का इस्तेमाल पिछले कई महीनों से छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए किया जा रहा है।मामले की खबर लगते ही सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है।हालांकि कांग्रेस द्वारा इस मामले की जांच और दोषियों द्वारा कार्रवाई करने की बात कही जा रही है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से आई खबर के अनुसार, प्रदेश की शिक्षा विभाग द्वारा कमजोर छात्रों की मदद के लिए एक मॉडल तैयार किया गया, जिसे पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पिछले कई महीनों से पढ़ाया जा रहा है। इस मॉडल बुक में महात्मा गांधी के लिए नकारात्मक शब्दावली का इस्तेमाल किया गया। पेपर में लिखा है कि कुबुद्धी अपने जीवन के शुरूवात में शराब पीने वाले एक कमजोर व्यक्ति थे।टेस्ट पेपर-3 के पेज नंबर 46 पर गांधीजी को ‘कुबुद्धि’ बताया गया है। इस मॉड्यूल का इस्तेमाल पिछले कई महीनों से स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए किया जा रहा है।
जहां इस मामले के सामने आने के बाद कांग्रेस सरकार कार्रवाई की बात कर रही है वही स्कूल की टीचर ने इसे प्रिंटिंग में हुई गलती बताया है। जहां गांधीजी लिखा है, वहां गैम्बलिंग (जुआ) लिखा होना चाहिए था। यह प्रिंटिंग की ही गलती है, मॉड्यूल तैयार करने वाला कोई एक्सपर्ट ऐसी गलती नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘हम जब बच्चों को पढ़ाते हैं तो इस शब्द को सही कर देते हैं।
इनका कहना
अभी भी प्रशासन में प्रज्ञा भारती जैसी मानसिकता के लोग है।आरएसएस की मानसिकता के लोग ऐसा करते है। इन पर कार्रवाई होगी।
पीसी शर्मा, कैबिनेट मंत्री, म.प्र.