MCU में नियुक्तियों का फर्जीवाड़ा, ब्यूटीशियन को दे दी टेक्निशियन की पोस्ट

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भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विवि में प्राध्यापक एवं अन्य तकनीकी विशेषज्ञों की नियुक्तियों में जमकर गड़बड़ी हुई है। हालांकि इस मामले में विवि की सिफारिश पर एफआईआर दर्ज करने के बाद ईओडब्ल्यू की जांच की रफ्तार धीमी पड़ गई है। नियुक्तियों में किस तरह से फर्जीवाड़ा किया गया है, इसका आए दिन खुलासा हो रहा है। ब्यूटी पार्लर के अनुभव के आधार पर एक महिला को टेक्निशियन (प्रोडक्शन सहायक) की पोस्ट पर नियुक्ति दी गई। इसी तरह महिला वित्त अधिकारी को पहले 6 महीने की संविदा नियुक्ति दी गई उसके बाद मनमाने ढंग से नियमित कर दिया गया । 

विवि में जिस महिला अधिकारी को वित्त अधिकारी बनाया गया है। वह भाजपा नेता की रिश्तेदार हैं। उन्हें किसी भी सरकारी संस्था में वित्त का अनुभव नहीं है। उन्होंने बैंक का पैसा अपनी पसंदीदा बैंक जमा कराया। वित्त अधिकारी के पति कार्यालय अधीक्षक हैं। ये स्नातक हैं और स्नातोकोत्तर की योग्यता वाले पद पर नियुक्त किया गया। प्रदीप डहेरिया एवं सतेन्द्र डहेरिया सगे भाई है। सहायक प्राध्यापक पर नियुक्तियां सवालों के घेरे में है। सहायक प्लेसमेंट अधिकारी एक भाजपा नेता की पत्नी हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री की सिफारिश पर इनकी नियुक्ति हुई थी। जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष ने कुशाभाऊ ठाकरे विवि रायपुर से अनुभव प्रमाण पत्र बनवाया, जो जांच प्रक्रिया में है। न्यू मीडिया की विभागाध्यक्ष को सहा प्राध्यापक से प्राध्यापक बनाया गया, जबकि इनकी एपीआई में कमी है। ये प्रदेश के बाहर की भी हैं। शोध मीडिया की विभागाध्यक्ष को भी सहा प्राध्यापक से प्राध्यापक बनाया गया। इनकी एपीआई में कमी है जरूरी दस्तावेज भी नहीं है। इनके पति आरक्षित वर्ग से सहायक प्राध्यापक हैं। इनकी नियुक्ति भी जांच में है। रीवा सेंट के पुस्तकालय प्रभारी को वांधनीय योग्यता नहीं होने पर नियुक्ति दी गई। प्रबंधन विभाग की प्राध्यापक की एपीआई नहीं है और वांछनीय योग्यता भी नहीं है। 


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