भोपाल| मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबियों पर आयकर छापों के बाद प्रदेश में पिछली सरकार में हुए घोटालों की फाइलें खुल गई है| | हजारों करोड़ों के ई टेंडरिंग घोटाले में प्रदेश की सरकारी जांच एजेंसी आर्थिक अपराध अन्वेषण प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने ताबड़तोड़ एफआईआर की है| लेकिन गड़बड़ी सामने आने के बाद भी जांच की धीमी गति और एफआईआर में इतनी देरी पर सवाल उठ रहे हैं| इस पर मंत्री डॉ गोविंद सिंह का कहना है कि बीजेपी की सरकार ने रिपोर्ट कार्यवाही के लिए भेजी थी। लेकिन इसके बाद खुद सरकार में बैठे सत्ताधारियों ने ही कहा कि काम पूरा हो गया है । जांच भेजी लेकिन करनी नही है।
उन्होंने कहा कि अब कमलनाथ की सरकार प्रदेश में बनी तो उनके सामने भी यह मामला आया। पूरी विवेचना के बाद अब टेंपरिंग हार्ड डिस्क बदलने की जांच के बाद यह साफ हो गया कि इसमे गड़बड़ी हुई है। उन्होंने बताया कि जो जो इस मामले में संलिप्त है जांच के बाद साफ होगा। इस मामले में यह निश्चित है कि इस मामले में तत्कालीन सरकार में बैठे सचिव, प्रमुख सचिव मंत्रियों की लिप्तता है।