भोपाल| मध्य प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी अब तक यह तय नहीं हो पाया है| लेकिन कांग्रेस में जश्न का माहौल है और हर स्तिथि में सरकार बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं| हालाँकि बहुमत का आंकड़ा नहीं मिला तो दोनों ही पार्टियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है| वहीं कई बड़े नेताओं के लिए यह चुनाव निराशाजनक रहा| शिवराज सरकार के एक दर्जन मंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं। वे एट्रोसिटी एक्ट, किसान आंदोलन, भ्रष्टाचार की वजह से जनता के निशाने पर रहे। जो मंत्री चुनाव हारे हैं, उनमें अर्चना चिटनीस, ओमप्रकाश धुर्वे, ललिता यादव, अंतर सिंह आर्य, लाल सिंह आर्य, जयभान सिंह पवैया, रुस्तम सिंह, बालकृष्ण पाटीदार, शरद जैन, उमाशंकर गुप्ता एवं दीपक जोशी शामिल हैं। शिवराज सरकार के स्वास्थ राज्य मंत्री भी चुनाव हार गए हैं| कांग्रेस के विनय ने शरद जैन को 786 मतों से हराया,
मंत्रियों के साथ चौकाने वाली स्तिथि रही| एक दर्जन से अधिक मंत्रियों की स्तिथि पहले भी खराब थी| इसके बाद भी उन्हें पार्टी ने मौक़ा दिया| कुछ पार्टी के भरोसे पर खरे उतरे तो कुछ अपनी सीट नहीं बचा पाए| अर्चना चिटनीस को निर्दलीय प्रत्याशी ने हरा दिया| वहीं उमा शंकर गुप्ता को पीसी शर्मा ने हराया| वहीं रामपाल सिंह, सुरेंद्र पटवा, राजेंद्र शुक्ल, नरोत्तम मिश्रा, विजय शाह, संजय पाठक, गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह ने चुनाव जीत लिया है|
विधानसभा चुनाव हार गए ये सांसद
भाजपा ने इस बार चार सांसदों को भी विधानसभा चुनाव में उतारा। इनमें से मुरैना सांसद अनूप मिश्रा ग्वालियर की भितरवार विधानसभा सीट से चुनाव हार गए हैं। खजुराहो से भाजपा सांसद नागेन्द्र सिंह भी नागौद विधानसभा सीट से कांग्रेस के यादवेंन्द्र सिंह से चुनाव हार गए हैं। वहीं देवास सांसद मनोहर ऊंटवार ने आगर-मालवा सीट से विधानसभा चुनाव जीत लिया है। हालाँकि उनकी जीत का अंतर् काफी कम रहा|
दल बदलने वालों की भी सांसें फंसी
पिछले दो विधानसभा चुनावों में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वालों की संख्या ज्यादा थी। लेकिन इस बार भाजपा छोड़कर कांग्रेस में जाने वालों की संख्या ज्यादा रही। तमाम कोशिशों और प्रलोभन के बावजूद भी भाजपा किसी भी नेता को कांग्रेस से नहीं तोड़ पाई। जबकि कांग्रेस ने आधा दर्जन समेत कई दिग्गजों को कांग्रेस में शामिल कराया। जिनमें से आधा दर्जन करीब नेता कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में है। चुनाव से ठीक पहले भाजपा विधायक संजय शर्मा, सरताज सिंह, संजय मसानी, पदमा शुक्ला ने भाजपा छोड़ी। ये सभी अब कांग्रेस के प्रत्याशी है। इसी तरह जय युवा आदिवासी संगठन के जरिए प्रदेश में आदिवासी नेता की छवि बनाने वाले हीरा अलावा भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में है। उन्होंने कांगे्रस के टिकट पर चुनाव जीत लिया है। संजय शर्मा चुनाव जीत गए हैं, वहीं संजय मसानी, पद्मा शुक्ल चुनाव हारे हैं|