रेप पीड़िता के शुद्धिकरण के लिए मासाहारी भोज का फरमान, आयोग ने तलब की रिपोर्ट

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भोपाल| आधुनिकता की ओर तेजी से बढ़ रहे भारत में आज भी सामाजिक भेदभाव और जात पात की बेड़िया हैं, जो समय समय पर गहरे सवाल खड़ी करती है| ग्रामीण अंचलों से आज भी ऐसी कई कुप्रथाओं की खबरे सामने आती है|  मामला राजगढ़ जिले के डूंगरपुरा गांव का है। जहां एक समाज के प्रमुखों ने अजीब फरमान सुना दिया। उन्होंने दुष्कर्म की शिकार लड़की की शुद्धि के लिए पूरे समाज को मांसाहारी भोज देने को कहा। ऐसा नहीं कर पाने पर पंचातय ने उनका बहिष्कार कर दिया है। मामला मीडिया में आने के बाद मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से तीन सप्ताह में जांच रिपोर्ट तलब की है।

राजगढ़ जिले के इस गांव के ही एक आरोपी सियाराम ने चार महीने पहले लड़की को दुष्कर्म का शिकार बनाया। पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पीड़िता का समाज आरोपित के समाज से उच्च वर्ग का है, ऐसे में समाज प्रमुखों ने लड़की की शुद्धि के लिए पूरे समाज को मांसाहारी भोज देने का कुछ दिन पहले अजीब फरमान सुना दिया था। नाबालिग बलात्कार पीड़िता के पिता ने गांव की पंचायत पर उन्हें बहिष्कृत करने का आरोप लगाया है। 17 साल की रेप पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है कि राजगढ़ जिले में उनके गांव की पंचायत ने छुआ छूत के नाम पर रेप पीड़िता के शुद्धिकरण के लिए मांसाहारी सामूहिक भोज के आयोजन करने का फरमान सुनाया है। ऐसा नहीं कर पाने पर पंचातय ने उनका बहिष्कार कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है कि पंचायक का कहना है कि जब तक वे भोज का आयोजन नहीं करते, तब तक वह जाति में शामिल नहीं हो सकते और न ही गांव में। बताया जा रहा है कि पीड़ित परिवार को पंचायत ने फरमान दिया कि पीड़िता का शुद्धिकरण कराना होगा और शुद्धिकरण की प्रक्रिया में गांव के लिये मांसाहार भोज की व्यवस्था करनी होगी।


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