भोपाल/नई दिल्ली।
लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को आखिरकार तीन तलाक बिल (Triple Talaq) पास हो ही गया। इस बिल के समर्थन में 99 तो विरोध में 84 सदस्यों ने वोटिंग की। इस बिल को पास कराने में कई क्षेत्रीय पार्टियों ने वोटिंग में हिस्सा न लेकर बड़ी भूमिका निभाई है। वोटिंग के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के पांच-पांच सांसदों सहित विपक्ष के करीब 20 सांसद अनुपस्थित रहे। इनमें मध्यप्रदेश से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा भी शामिल है जो वोटिंग के दौरान सदन में गैर हाजिर थे।हालांकि उन्होंने पार्टी के सफाई मांगे जाने से पहले ही अपनी बात रख दी है।
हैरानी की बात तो ये है कि सभी सांसदों की सदन में मौजूदगी सुनिश्चित करने के लिए कांग्रेस ने व्हिप जारी किया था।बावजूद इसके कई सांसद सदन से नदारद रहे ।सूत्रों की माने तो विपक्ष के सदस्य अगर सदन में मौजूद होते तो विधेयक को प्रवर समिति के पास भिजवाया जा सकता था, लेकिन विपक्षी दल के सदस्यों की गैर हाजिरी के चलते विपक्ष के वोट कम हो गए और बिल पास हो गया।कांग्रेस के जो पांच सदस्य गैर हाजिर रहे उनमें विवेक तनखा, प्रताप सिंह बाजवा, मुकुट मिथी और रंजीब बिस्वाल के अलावा संजय सिंह भी हैं,हालांकि संजय सिंह ने इससे पहले मंगलवार को ही कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया।
वही गैरमौजूदगी को लेकर उठ रहे सवालों के बाद विवेक तन्खा ने सफाई दी है।विवेक तन्खा ने बताया, तीन तलाक बिल के राज्यसभा में पेश किए जाने की जानकारी मुझे सुबह 10 बजे उस वक्त मिली, जब मैं एक मामले में पेश होने के लिए बिलासपुर हाईकोर्ट में पहुंचा था। मैंने पार्टी नेतृत्व से छत्तीसगढ़ जाने के लिए परसों ही इजाजत मांगी थी।ऐसी असामान्य स्थिति में दिल्ली लौटना संभव नहीं था। मीडिया को राज्यसभा से मेरी अनुपस्थिति के संबंध में यथार्थ की जानकारी नहीं है।
कांग्रेस का फ्लोर मैनेजमेंट कमजोर
विवेक तन्खा और कांग्रेस के बाकि राज्यसभा सांसदों की गैर मौजूदगी पर जानकारों ने सवाल उठाए हैं। वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि अगर कांग्रेस चाहती तो राज्यसभा में इस बिल को पास होने से रोक सकती थी। लेकिन खुद कांग्रेस के सांसद इतने महत्वपूर्ण बिल की चर्चा और वोटिंग में गैरहाजिर रहते हैं जिससे साफ है क�� कांग्रेस का फ्लोर मैनेजमेंट भाजपा की अपेक्षा बहुत कमजोर है।