अदालत का आदेश रद्दी, मंत्री की सिफारिश भी टोकरी में!

भोपाल। खान अशु।

कोई अफसर किसी कर्मचारी को परेशान करने पर उतर जाए तो वह नियमों की तह-दर-तह अवमानना करने में भी पीछे नहीं हटता। अदालत के आदेशों को नजरअंदाज करने और अपनी मनमर्जी चलाने की इंतेहा यह है कि इन अधिकारियों ने मौजूदा सरकार के मंत्रियों की सिफारिशों को भी डस्टबीन के हवाले कर दिया है। हालात यहां तक पहुंचे हैं कि इंसाफ की गुहार लगा रही महिला लेखा अधिकारी को लंबे समय से वेतन से ही महरूम कर दिया गया है।


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