भोपाल। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और झाबुआ उप चुनाव के संपन्न होने के बाद अब कांग्रेस एक बार फिर नई ऊर्जा के साथ काम पर लौट आई है। मध्य प्रदेश में भी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर सुगबुहाट शुरू हो गई है। इसके अलावा लम्बे समय से अटकी राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी कवायद तेज हो गई है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया के साथ 30 अक्टूबर को बैठक करेंगे।
इस बैठक में निगम मंडल में होने वाली नियुक्ति को लेकर मंथन किया जाएगा। बताया जा रहा है कि इस संबंध में एक पॉलिसी भी तैयार की जा रही है। इस पॉलिसी के आधार पर ही सरकारी महकमों में प्रशासकों की नियुक्ति की जाएगी। जिसे सीएम कमलनाथ और बाबरिया मिलकर तैयार करेंगे। कयास लगाए जा रहे हैं नवंबर से यह नियुक्तियां शुरू हो जाएंगी। इसके अलावा संगठन को लेकर भी फेरबदल होना है। इसपर भी चर्चा की जाएगी। लम्बे समय से कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता राजनीतिक नियुक्तियों के इन्तजार में है, लेकिन लगातार यह मामला अटकता चला आ रहा है| कई बड़े नेता जो विधानसभा चुनाव में टिकट हासिल नहीं कर पाए अब इन नियुक्तियों को लाभ लेने भोपाल से दिल्ली तक जोर लगा चुके हैं| सरकार ऐसे नेताओं को साधने नियुक्तियों का तोहफा देगी| इसके लिए पालिसी तैयार की जायेगी, जिससे पार्टी के लिए जमीन पर संघर्ष करने वाले व्यक्ति को मौक़ा मिल सके|
वचनपत्र को लेकर लिया जाएगा फीडबैक
कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने यह साफ कर दिया है कि वचन पत्र में किए गए वादों में किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसलिए दीपक बाबरिया मंत्रियों के विभाग की समीक्षा भी करेंगे। वह सभी मंत्रियोंं से उनके विभाग का हिसाब लेंगे। जिससे इस बात का आंकलन किया जा सके किस विभाग ने वचन पत्र को लेकर कितना काम किया है। और कौन सा विभाग फिसड्डी साबित हुआ है। इसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी कि कैसे अन्य वादों को पूरा किया जाए। साथ ही मंत्री मंडल में भी विस्तार होना है। इस फीडबैक से मंत्रियों की पर्फार्मेंस का भी पता चल पाएगा।
मुख्यमंत्री से राजनीतिक और संगठनात्मक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। निगम-मंडलों में नियुक्ति के लिए भी कोई पॉलिसी तैयार करने के संबंध में भी बात की जाएगी। इन चुनाव परिणामों से साफ हो गया है कि लोग अब समझने लगे हैं कि उनके बारे में चिंता करने वाली पार्टी कांग्रेस ही है।
– दीपक बावरिया प्रदेश प्रभारी, कांग्रेस