भोपाल| लोकसभा चुनाव के बाद से ही अच्छे दिन का इन्तजार कर रहे कांग्रेस नेताओं को झटका लग सकता है| राजनीतिक नियुक्तियों में मनमर्जी नहीं चलेगी, बल्कि दिल्ली से ही यह नाम तय होंगे| इसके लिए कांग्रेस आलाकमान ने निर्देश जारी कर दिए हैं| कांग्रेस आलाकमान ने निर्देश जारी कर कहा है कि बिना एआईसीसी के अप्रूवल के कोई भी नियुक्ति न की जाए। अब प्रदेश कांग्रेस के संगठन और सत्ता में जो भी नियुक्तियां होंगी, उसके लिए पहले एआईसीसी से अनुमति लेना जरूरी होगा।
दरअसल, 15 साल बाद कांग्रेस के सत्ता में आते ही कई बड़े नेता राजनीतिक नियुक्तियों के लिए सक्रिय हो गए हैं और भोपाल से दिल्ली तक जोर भी लगाया जा रहा है| इनमे ज्यादातर बड़े नेताओं के ख़ास समर्थक हैं जो निगम मंडलों की नियुक्ति का इन्तजार कर रहे हैं| लेकिन एक्का दुक्का नियुक्ति के अलावा अभी तक किसी का नाम तय नहीं किया गया है| अब कांग्रेस आलाकमान ने फरमान जारी कर दो टूक कहा है कि राजनीतिक नियुक्तियों में मनमानी नहीं चलेगी, बिना एआईसीसी के अप्रूवल के कोई भी नियुक्ति नहीं की जायेगी| इससे फिलहाल निगम मंडलों में होने वाली राजनीतिक नियुक्तियों की चर्चा पर ब्रेक लग गया है।
अब तक जो नियुक्तियां हुई है उनको लेकर अंदरखाने विरोध पनप रहा है, जिसकी खबरे दिल्ली तक पहुँच रही है| मैपकास्ट में चेयरमैन और अपेक्स बैंक में प्रशासक की नियुक्त की शिकायतें कांग्रेस आलाकमान तक पहुंची हैं। हाल ही में मप्र लोक सेवा आयोग में सदस्य की नियुक्ति से भी राष्ट्रीय नेतृत्व नाखुश नहीं है। इसके अलावा मंत्रियों द्वारा कार्यकर्ताओं से ठीक से बात नहीं करने की शिकायतें भी दिल्ली पहुंची हैं। जिसके चलते आलाकमान ने अब सख्त रवैया अपनाया है| निर्देश दिए गए हैं कि राजनीतिक नियुक्तियों में ध्यान रखा जाए कि जो विधानसभा चुनाव में टिकट के दावेदार थे, उन्हें अवसर दिया जाए। ऐसे लोगों की नियुक्ति की जाए, जो सगंठन में लंबे समय से काम कर रहे हों। जो कांग्रेस कार्यकर्ता किसी नेता के गुट में नहीं है, उन्हें मौका मिलना चाहिए। बिना अनुमति कोई नियुक्ति नहीं होगी|