भोपाल।
मध्यप्रदेश के विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले सियासी गलियारों में हलचल तेज हो चली है। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ही अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए है। सत्र के हंगामेदार होने के आसार है। एक तरफ जहां नेता प्रतिपक्ष ने विधायकों को तैयार रहने और उनका आपराधिक रिकॉर्ड की जानकारी मांगी है, वही दूसरी तरफ कमलनाथ सरकार में सामान्य प्रशासन मंत्री गोविंद सिंह का बड़ा बयान सामने आया है।कैबिनेट मंत्री का कहना है कि सत्र में मंत्री-विधायकों की संपत्ति का खुलासा किया जाएगा, इसके लिए सरकार विधानसभा में संकल्प लाएगी।सरकार के इस कदम से बीजेपी में खलबली मच गई है। बीेजेपी ने इस पर सवाल उठाना शुरु कर दिया है।
दरअसल, सत्ता में आने से पहले कमलनाथ सरकार ने जनता से कई वादे किए थे, जिसे अब वो एक के बाद एक पूरा करने जा रही है। सरकार ने वचन पत्र में यह वादा किया था कि जनप्रतिनिधियों के लिए साल में एक बार संपत्ति को सार्वजनिक करना होगा। इसी वचन को पूरा करने के लिए सरकार मंत्री-विधायकों की संपत्ति का खुलासा करेगी।इसके लिए संसदीय कार्य मंत्री विधानसभा में संकल्प प्रस्तुत करेंगे । इसके लिए मंत्री ने मसौदा तैयार करने के निर्देश दे दिए है, जिसे शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है ।इसके तहत विधानसभा के सभी सदस्य सदन में सालाना संपत्ति का ब्योरा पटल पर रखेंगे। इसे अनिवार्य या ऐच्छिक करने का निर्णय मुख्यमंत्री कमलनाथ करेंगे। मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने सभी विभागों को इन पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं।
बीजेपी ने उठाए सवाल
विधायकों और मंत्रियों की संपत्ति पर सरकार संकल्प पत्र लेकर आने वाली है। जिसपर पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक विश्वास सारंग ने बड़ा बयान दिया है। सारंग का कहना है कि सरकार तबादला उद्योग की कमाई भी बताए।